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गौरी लंकेश हत्याकांडः नक्सली कनेक्शन खंगालने में जुटी पुलिस

पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में अब पुलिस इस बात की तफ्तीश कर रही है कि गौरी की हत्या के पीछे कहीं नक्सलियों का हाथ तो नहीं है. दरअसल, गौरी लंकेश चोरी छिपे कई बार बस्तर के जंगलो में दाखिल हुई थीं. उनके भाई इंद्रजीत लंकेश ने भी दावा किया था कि गौरी को नक्सली संगठनों की ओर से धमकी मिली थी. गौरी कुख्यात नक्सलियों को मुख्यधारा लाना चाहती थीं. यही वजह है कि इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस भी सक्रीय हो गई है.

पुलिस गौरी लंकेश हत्याकांड में नक्लियों की भूमिका की जांच कर रही है पुलिस गौरी लंकेश हत्याकांड में नक्लियों की भूमिका की जांच कर रही है
परवेज़ सागर/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 09 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST

पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में अब पुलिस इस बात की तफ्तीश कर रही है कि गौरी की हत्या के पीछे कहीं नक्सलियों का हाथ तो नहीं है. दरअसल, गौरी लंकेश चोरी छिपे कई बार बस्तर के जंगलो में दाखिल हुई थीं. उनके भाई इंद्रजीत लंकेश ने भी दावा किया था कि गौरी को नक्सली संगठनों की ओर से धमकी मिली थी. गौरी कुख्यात नक्सलियों को मुख्यधारा लाना चाहती थीं. यही वजह है कि इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस भी सक्रीय हो गई है.

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गौरी के भाई इंद्रजीत लंकेश के मुताबिक गौरी लंकेश को नक्सलियों की तरफ से धमकी भरे पत्र और ई-मेल भी आए थे. इसलिए छत्तीसगढ़ पुलिस गौरी की हत्या को लेकर नक्सली कनेक्शन तलाश कर रही है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 और 2016 में चार से अधिक बार गौरी लंकेश बस्तर के जंगलो में गई थीं. हालांकि जंगल में उनकी मुलाकात कब और किससे हुई इसकी अधिकृत जानकारी पुलिस जुटा रही है.

आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर गौरी लंकेश ने बस्तर का दौरा किया था. पर बताया तो यह भी जाता है कि आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के सक्रीय नक्सलियों से मिलने के लिए गौरी लंकेश खासतौर पर बस्तर के जंगलों में दाखिल हुई थीं. उन्होंने हर दौरे में तीन से चार दिन तक जंगल में बिताए थे. हालांकि गौरी लंकेश ने नक्सलियों से मेल मुलाकात के बाद स्थानीय पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं से दूरियां बनाए रखी थीं.

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उन्होंने ऐसा क्यों किया था इसकी वजह भी तलाश की जा रही है. बस्तर के पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख के मुताबिक पिछले 6 माह में गौरी लंकेश के दौरे में बारे में कोई सूचना नहीं मिली. हालांकि वे इसके पहले यदि आई होंगी तो इसकी छानबीन होगी. आरिफ शेख ने स्वीकार किया कि मीडिया के माध्यम से गौरी लंकेश के नक्सली कनेक्शन की सूचनाएं पुलिस को मिली हैं. जिसकी तस्दीक कराई जा रही है.

ख़बर है कि कई कुख्यात नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर सेंट्रल कमेटी ने गौरी लंकेश से कई बार चर्चा भी की थी. शीर्ष नक्सली नेताओं को अंदेशा था कि गौरी लंकेश कैडर बेस्ड नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए न केवल उकसाती थी बल्कि पुलिस और उनके बीच आत्मसमर्पण को लेकर माहौल तैयार करती थीं.

जानकारों के मुताबिक तेलंगाना राज्य के निर्माण के बाद आधा दर्जन से ज्यादा कुख्यात नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी गौरी लंकेश से नाराज चल रही थी. छत्तीसगढ़ के पत्रकारों को भी अंदेशा है कि नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम ने तो कहीं इस घटना को अंजाम नहीं दिया. फिलहाल, मामले की जांच तेजी से चल रही है.

 

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