Advertisement

पत्नी को भी लड़ाया था चुनाव, कई राजनीतिक दलों में है विकास दुबे की पकड़

जानकारी के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का वैसे कोई राजनीतिक इतिहास नहीं है. लेकिन बसपा के कई नेताओं से उसे समर्थन मिलता रहा है. बताया जाता है कि बसपा के शासनकाल में विकास दुबे ने कानपुर नगर तक अपना खौफ कायम कर लिया था.

विकास दुबे जिस पार्टी या प्रत्याशी को समर्थन देता था, उसी को गांववाले वोट देते थे (फोटो- आजतक) विकास दुबे जिस पार्टी या प्रत्याशी को समर्थन देता था, उसी को गांववाले वोट देते थे (फोटो- आजतक)
कुमार अभिषेक/परवेज़ सागर
  • कानपुर,
  • 03 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:19 PM IST

  • सियासी गलियारों में विकास दुबे की पकड़
  • पंचायत चुनाव में बसपा, सपा से मिला था समर्थन

कानपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमले का मास्टर माइंड कुख्यात अपराधी विकास दुबे सियासी गलियारों में भी दखल रखता है. सीधे तौर पर भले ही वो किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं है. लेकिन यूपी की तीनों प्रमुख पार्टियों में उसकी पकड़ बताई जाती है. पंचायत चुनाव के दौरान भी उसे बसपा से समर्थन मिला था. जबकि उसकी पत्नी को चुनाव में सपा से समर्थन हासिल हुआ था.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का वैसे कोई राजनीतिक इतिहास नहीं है. लेकिन बसपा के कई नेताओं से उसे समर्थन मिलता रहा है. यूपी में साल 2002 के दौरान बसपा की सरकार थी. उन दिनों मायावती राज्य की मुख्यमंत्री थीं. बताया जाता है कि उसी दौरान विकास दुबे ने बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में भी अपना खौफ कायम कर दिया था.

कानपुर एनकाउंटर: खुफिया तंत्र विफल-मुखबिर नाकाम, बदमाशों को थी दबिश की खबर!

इस दौरान शातिर अपराधी विकास दुबे ने कई जमीनों पर अवैध कब्जे किए. यहीं नहीं, इसके अलावा जेल में बंद रहते हुए भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचयात भी लड़ा था, जिसमें उसे जीत हासिल हुई थी. स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार बिकरू समेत आसपास के दर्जनभर से ज्यादा गांवों में विकास दुबे के नाम से लोग खौफ खाते थे.

Advertisement

जरायम की दुनिया में नाम कमाने के बाद विकास दुबे की दहशत का आलम ये था कि किसी भी चुनाव में वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को समर्थन देता था, गांववाले उसे ही वोट देते थे. यही एक बड़ी वजह थी कि चुनाव के वक्त इन गांवों में वोट पाने के लिए सपा, बसपा और भाजपा के कुछ नेता उसके संपर्क में रहते थे.

ज़रूर पढ़ेंः कानपुर में बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, DSP समेत 8 शहीद

ये उसकी दहशत का ही नतीजा था कि विकास दुबे ने 15 वर्षों से जिला पंचायत सदस्य का पद कब्जा रखा है. वह खुद तो जिला पंचायत है ही, साथ ही उसने अपनी पत्नी ऋचा को घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया था. जिसमें वह जीत गई थीं. यही नहीं उसने अपने चचेरे भाई अनुराग दुबे को पंचायत सदस्य बनवाया था. बताया जाता है कि उसका हर पार्टी के नेताओं के साथ उठना बैठना था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement