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UP: BJP के पूर्व MLA के बेटे की हत्या करने वाले सभी आरोपी गिरफ्तार

पूर्व BJP विधायक के बेटे की हत्या के पीछे पुलिस आपसी लेनदेन और रंजिश का मामला मानकर चल रही है. जानकारी के मुताबिक हत्यारे वैभव के परिचित थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से हत्यारों की पहचान की और अब उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है.

वैभव के दोस्त ने ही कराई उसकी हत्या वैभव के दोस्त ने ही कराई उसकी हत्या
आशुतोष कुमार मौर्य
  • लखनऊ,
  • 17 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को पूर्व BJP विधायक जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक वैभव की हत्या की साजिश उसी के दोस्त सूरज ने रची थी और वारदात को अंजाम हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह ने दिया था.

डुमरिया गंज के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के 28 वर्षीय बेटे की शनिवार को लखनऊ में अपने घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वैभव BJP नेता जिप्पी तिवारी की इकलौती संतान था.

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वैभव ने IIM अहमदाबाद से MBA की शिक्षा हासिल की थी और प्रॉपर्टी डीलर का बिजनेस करने लगा था. आरोपी सूरज, वैभव का पुराना दोस्त और प्रॉपर्टी डीलर के बिजनेस में भागीदार था. हालांकि तीन साल पहले दोनों ने अपने बिजनेस अलग कर लिए थे.

दरअसल जिस वक्त वारदात हुई उससे थोड़ा ही पहले वैभव अपने एक रिश्तेदार आदित्य के साथ कसमंडा हाउस के बाहर टहल रहा था. घटना से कुछ समय पहले वैभव के पास सूरज का फोन आया कि वह कुछ बात करना चाहता है, जिसके लिए उसने वैभव को हजरतगंज बुलाया. लेकिन वैभव हजरतगंज नहीं गया.

इस बीच आदित्य घर में चला गया. थोड़ी देर बाद जब आदित्य बाहर निकला तो उसने देखा कि सूरज आया हुआ है और वैभव से बहस कर रहा है. जानकारी के मुताबिक, सूरज और वैभव के बीच बिजनेस को लेकर विवाद चल रहा था. इसी बीच वहीं मौजूद विक्रम ने पिस्टल निकाल कर वैभव को गोली मार दी.

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आनन-फानन में वैभव को राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई. वैभव डुमरियागंज के दमनापुर का प्रधान भी रह चुका था.

लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अभय प्रसाद ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह पता लगा है कि वैभव को कुछ लोगों ने कसमंडा हाउस स्थित उनके आवास से नीचे बुलाया. वैभव नीचे आया तो उनके बीच बातचीत के दौरान विवाद हो गया और उन्हें गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई.

मालूम हो कि यह घटना जिस जगह हुई वह विधान भवन से महज 200 मीटर की दूरी पर ही स्थित है और इस समय विधानमंडल का शीत सत्र चल रहा है. पूरा इलाका चूंकि सीसीटीवी से लैस था, इसलिए वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों की पहचान में खास दिक्कत नहीं हुई.

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