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मुरलीगंज में एक थाना प्रभारी को मधेपुरा के डीएम मोहम्मद सोहेल अहमद द्वारा अपशब्द कहे जाने के मामले में पुलिस एसोसिएशन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह ने इस मामले पर राज्य सरकार को पत्र लिखने की बात कही है.
सरकार को पत्र लिखने का फैसला
एसोसिएशन ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी भी सहनशक्ति की सीमा है. ड्यूटी पर तैनात थानाध्यक्ष को डीएम द्वारा अमर्यादित बात कहा जाना कहीं से उचित नहीं है. एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को सीमा में रहने की भी नसीहत दी. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि अमार्यादित शब्द का प्रयोग करने की बात संज्ञान में आने के बाद हमने संबंधित अधिकारी के खिलाफ सरकार को पत्र लिखने का निर्णय लिया.
पुलिस के साथ अमर्यादित व्यवहार
अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह बॉर्डर पर सेना देश की रक्षा के लिए ड्यूटी पर तैनात रहती है, उसी तरह पुलिस कानून की रक्षा एवं अपराध नियंत्रण को लेकर ड्यूटी पर तैनात रहती है. किसी अधिकारी को पुलिस वाले के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है. कहीं संविधान या कानून में यह नहीं लिखा हुआ है कि आप उसके साथ अमर्यादित व्यवहार कीजिए. अगर कोई पुलिस गलत करता है, तो जांचोपरांत उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन उसके खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं किया जा सकता है.
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
मुरलीगंज के मवेशी प्रकरण में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें डीएम मुरलीगंज में एक थाना प्रभारी को अपशब्द कहते दिख रहे हैं, हालांकि डीएम ने इस वीडियो को तोड़ा-मरोड़ा हुआ बताया है. ये मामला पांच अगस्त का बताया जा रहा है. मुरलीगंज थाना क्षेत्र के सिंगियौन तीनकोनमा जेबीसी नहर में काफी संख्या में मृत मवेशी देखे जाने के विरोध में पांच सितंबर को मुरलीगंज में प्रदर्शन के दौरान का यह वाकया बताया जा रहा है.
लोगों ने पुलिस पर लगाया आरोप
उधर डीएम सोहेल अहमद ने इस वीडियो को फर्जी बताते हुए इसे वायरल करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. इस वीडियो का प्रभाव पुलिस प्रशासन के साथ-साथ इलाके लोगों पर भी पड़ रहा है. यही वजह है कि घटना के 7 दिन बाद भी मुरलीगंज बाजार की दुकानें नहीं खुली. लोगों का कहना है कि बवाल करने के नाम पर पुलिस ने निर्दोष को पकड़ा है, जिसमें कई नाबालिग हैं. इस मामले में कुल 26 गिरफ्तारी हुई है. रविवार को कोशी क्षेत्र के डीआईजी ने लोगों को समझने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जबतक निर्दोषों को छोड़ा नहीं जाएगा तब तक दुकानें नहीं खुलेंगी.