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गोरखपुर हादसा: जांच रिपोर्ट से ऑक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति में भ्रष्टाचार-लापरवाही का खुलासा

जिलाधिकारी की रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को भुगतान न होने के पीछे वित्तीय अनियमितता करने की मंशा का भी जिक्र किया गया है.

गोरखपुर में मासूमों की मौत गोरखपुर में मासूमों की मौत
तनसीम हैदर
  • गोरखपुर,
  • 16 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौत मामले की जांच रिपोर्ट को जिलाधिकारी ने सौंप दिया है. इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश को लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया कि मामले को लेकर सतीश को लिखित रूप से अवगत भी कराया गया था, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में बाधा पैदा की. हालांंकि वह ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई के लिए जिम्मेदार हैं. लिहाजा वह इसके लिए दोषी हैं. इसके अलावा स्टॉक बुक में लेनदेन का पूरा ब्योरा भी नहीं लिखा गया. सतीश की ओर से स्टॉक बुक का न तो अवलोकन किया गया और  न ही उसमें हस्ताक्षार किया गया, जो सतीश की लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने इसको गंभीरता से नहीं लिया और घोर लापरवाही बरती.

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पढ़ें डीएम की पूरी रिपोर्ट...

 

जिलाधिकारी की रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को भुगतान न होने के पीछे वित्तीय अनियमितता करने की मंशा का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोकने के लिए जिम्मेदार है. मासूम बच्चों की जिंदगी को देखते हुए कंपनी को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई नहीं बंद करनी चाहिए थी.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मासूम बच्चों की मौत के बाद सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने वहां के प्रिसिंपल राजीव मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि मिश्रा ने इसके लिए ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को ही दोषी ठहराया था. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गोरखपुर का दौरा किया था. योगी ने मासूम बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी भरोसा दिलाया था.

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वहीं, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के यूपी डीलर मनीष भंडारी ने कहा था कि संभवतः ये मौतें ऑक्सीजन के लिए जरूरी सिलेंडर की कमी से नहीं, बल्‍कि हॉस्प‍िटल में सिलेंडर चेंज के दौरान लापरवाही से हुई हों. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का पेमेंट के लिए प्रमुख सचिव को करीब 100 लेटर लिखें जा चुके है.

मालूम हो कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया. मामला सामने आने के बाद कंपनी की ओर से यह दलील दी गई थी कि पिछले कई महीने से भुगतान नहीं मिलने के चलते ऑक्सीजन के सिलेंडर की सप्लाई बंद करनी पड़ी थी.

 

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