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कनाडाई पत्रकार की हत्या करने वाला पाकिस्तानी तालिबान आतंकी ढेर

आतंकी संगठन पाकिस्तानी तालिबान अमीन शाह ने खदीजा अब्दुल कहर की रिहाई के एवज में 20 लाख अमेरिकी डॉलर की फिरौती मांगी थी और हिरासत में लिए गए अपने कुछ आतंकियों को छोड़ने की शर्त रखी थी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • पेशावर,
  • 10 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

  • आतंकी अमीन शाह ने आत्मसमर्पण से किया था इनकार
  • कनाडाई पत्रकार खदीजा अब्दुल कहर की कर दी थी हत्या

कनाडाई पत्रकार खदीजा अब्दुल कहर उर्फ बेवर्ली गीसब्रेक्ट के अपहरण और हत्या के मामले में वांछित पाकिस्तानी तालिबान आतंकी अमीन शाह मारा गया है. बुधवार को एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि पेशावर में आतंकी अमीन शाह को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है.

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खैबर-पख्तूनख्वा के पुलिस चीफ सनाउल्ला अब्बासी ने बताया कि प्रतिबंधित आतकंवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का खूंखार आतंकी शाह कई मामलों में वांछित था. उसने साल 2008 में कनाडाई पत्रकार खदीजा अब्दुल कहर (55) का अपहरण किया था और साल 2010 में पाकिस्तान में उनकी हत्या कर दी थी.

आतंकी संगठन पाकिस्तानी तालिबान ने खदीजा अब्दुल कहर की रिहाई के एवज में 20 लाख अमेरिकी डॉलर की फिरौती मांगी थी और हिरासत में लिए गए अपने कुछ आतंकियों को छोड़ने की शर्त रखी थी. अब्बासी ने कहा कि आतंकी अमीन शाह के आत्मसमर्पण करने से इनकार करने के बाद पुलिस कर्मियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें वह मारा गया.

कनाडा की पत्रकार खदीजा अब्दुल कहर का उनके अनुवादक सलमान खान और रसोइया व वाहन चालक जार मोहम्मद के साथ अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबाइली क्षेत्र के मीरानशाह की यात्रा के दौरान 11 नवंबर 2008 को अपहरण कर लिया गया था. खदीजा अब्दुल कहर का पहले नाम बेवर्ली गीसब्रेक्ट था, लेकिन इस्लाम कबूल करने के बाद उसने नाम बदल लिया था.

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खदीजा अब्दुल कहर की सुरक्षित रिहाई के लिए कनाडा और पाकिस्तान की सरकार ने संयुक्त अभियान चलाया था, लेकिन कोई सरकारात्मक नतीजा नहीं निकला. हालांकि एक धार्मिक दल की कोशिश के चलते आठ महीने बाद सलमान खान और जार मोहम्मद को छोड़ दिया गया था.

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खान ने अपनी रिहाई के बाद बताया था कि jihadunspun.com नामक वेबसाइट की मालिक और प्रकाशक कहर हेपेटाइटिस से जूझ रही थीं. उनको अपनी रिहाई की उम्मीद नहीं थी. खदीजा अब्दुल कहर ने पाकिस्तान को पूरी तरह युद्ध क्षेत्र करार देते हुए यहां से निकलने के लिए मदद मांगी थी. इससे पहले अपहरणकर्ताओं ने 30 मार्च 2009 तक फिरौती की मांग पूरी न होने पर कहर को मारने की धमकी दी थी.

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