Advertisement

21 साल बाद मिली लापता लड़की, देख हैरान रह गए मां-बाप

किसी पुरानी हिंदी फिल्म की तरह 1995 में लापता हुई एक लड़की अपने माता-पिता से 21 साल के बाद मिली. महाराष्ट्र के अहमदनगर के दाता नगर कालोनी में रहने वाली ज्योत्सना धावले आठ साल की उम्र में घर से निकली थी और फिर रास्ता भूल गई. भटकते हुए वह रेलवे स्टेशन पहुंची और वहां से फिर ट्रेन से मुंबई.

1995 में लापता हुई लड़की लौटी घर 1995 में लापता हुई लड़की लौटी घर
मुकेश कुमार
  • अहमदनगर,
  • 14 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

किसी पुरानी हिंदी फिल्म की तरह 1995 में लापता हुई एक लड़की अपने माता-पिता से 21 साल के बाद मिली. महाराष्ट्र के अहमदनगर के दाता नगर कालोनी में रहने वाली ज्योत्सना धावले आठ साल की उम्र में घर से निकली थी और फिर रास्ता भूल गई. भटकते हुए वह रेलवे स्टेशन पहुंची और वहां से फिर ट्रेन से मुंबई.

पुलिस के मुताबिक, वह लड़की मुंबई में पांच दिन स्टेशन पर गुजारने के बाद हैदराबाद की ट्रेन में चढ़ गई. वहां एक होटल की मालकिन ने ज्योत्सना को देखा और अपने घर काम करने के लिए ले गई. होटल मालकिन का परिवार उसे प्रताड़ित करता था. इसकी वजह से वह बाद में केरल चली गई, जहां कुछ साल रही.

केरल जाने के बाद उसने वहां से बंगलुरु की ट्रेन पकड़ी, जिसने उसका जीवन बदल दिया. बंगलुरु रेलवे स्टेशन पर ज्योत्सना को चाइल्ड लाइन पुलिस ने देखा. प्राथमिक जांच के बाद उसे छात्रावास में भर्ती करा दिया. वहां रहते हुए ज्योत्सना ने पढ़ाई शुरू की और 10वीं की परीक्षा पास कर ली. ज्योत्सना ने छात्रावास में ही रहने वाले एम. शिवशक्ति से विवाह कर लिया.

दोनों ने बंगलुरु के एक किराए के मकान से अपना जीवन शुरू किया. ज्योत्सना ने 2004 में बेटी को और 2008 में बेटे को जन्म दिया. सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इतने साल में अपने माता-पिता को वापस खोजने की ज्योत्सना की चाह बढ़ती गई.

उसने 2008 में बंगलोर की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करना शुरू किया. इतने वर्षों बाद ज्योत्सना ने 16 मार्च को चन्द्रपुर में पुलिस हेल्पलाइन पर फोन किया. यहीं से उसकी वापसी की कहानी शुरू हुई. पुलिस की कोशिशों के बाद उसे अपने घर वापस आने का रास्ता साफ हो गया. उसे घर पर देख मां-बाप हैरान रह गए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement