
हरियाणा के भिवानी में एक कैदी को छुड़ाने की कोशिश में दो हमलावरों ने एक पुलिसकर्मी की अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी. कैदी को पेशी पर अदालत ले जाया गया था. हमलावरों की पहचान सुमित और मनजीत के रूप में हुई है. पुलिसकर्मियों और लोगों ने इन दोनों को अदालत परिसर में ही पकड़ लिया.
जानकारी के मुताबिक, भिवानी जिले के सिवनी शहर में कांस्टेबल भगीरथ अदालत में पेशी के लिए कैदी को लेकर जा रहे थे. हमलावरों ने उन्हें नजदीक से गोली मारी जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. गोलीबारी की घटना के बाद अदालत परिसर में दहशत फैल गई. इसके बाद लोगों ने आरोपियों को धर-दबोचा.
बताते चलें कि इसी तरह दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में भी सनसनीखेज वारदात हुई थी. कोर्ट नंबर 113 और पुलिस चौकी के पास पेशी पर लाए गए एक कैदी को वहां मौजूद एक युवक ने गोली मार दी. कैदी को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हमला करने वाले युवक ने कोर्ट में ही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
मृतक की पहचान विनोद के रूप में हुई थी. उसे थर्ड बटालियन के पुलिसकर्मी अदालत में पेश करने के बाद वापस लॉकअप की तरफ ले जा रहे थे. तभी यह वारदात हुई. दिनदहाड़े कोर्ट परिसर में इतनी सुरक्षा के बीच हुए इस हत्याकांड के बाद एक तरफ जहां वकीलों में पुलिस के प्रति रोष हुआ. वहीं दूसरी तरफ आम लोग भी अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हुए.
इससे पहले भी रोहिणी कोर्ट परिसर में एक विचाराधीन कैदी की गोली मार कर दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई थी. वकीलों और न्यायाधीशों की सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गई. पुलिस उपायुक्त रोहिणी ऋषि पाल ने बताया था कि रोहिणी की अदालत में विनोद उर्फ बल्ले को पेश किया गया था.
उसे वापस ले जाते समय दोपहर करीब 11 बजकर 20 मिनट पर उसे गोली मारी गई. आरोपी को घटनास्थल से ही पकड़ लिया गया था. उसके पास से हथियार बरामद किया गया था. आरोपी यहां वादी बनकर आया था. यह घटना कैंटीन क्षेत्र के निकट हुई. इस वारदात के बाद अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई थी.
विनोद को बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. वह धोखाधड़ी के एक मामले में शामिल था. यह मामला साल 2010 में दक्षिण रोहिणी पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था. पुलिस ने बताया था कि विनोद पिछले 14 दिन से न्यायिक हिरासत में जेल की सजा काट रहा था.