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आजादी की दिवाली! घर में मां से लिपट कर रोने लगीं नूपुर तलवार, जेल से निकलने पर झुकी थीं नजरें

नूपुर तलवार की मां ने अपनी बेटी की आरती उतारी, टीका लगाया और मिठाई खिलाई, इतने पर नूपुर भावुक हो गईं और अपनी मां से गले मिल कर रोने लगीं. राजेश तलवार भी इस  दौरान बेहद भावुक नजर आएं.

जेल से बाहर निकलते तलवार दंपति जेल से बाहर निकलते तलवार दंपति
सुरभि गुप्ता/रवीश पाल सिंह
  • नोएडा,
  • 16 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

करीब चार साल का वक्त डासना जेल में बिताने के बाद डॉक्टर राजेश तलवार और नूपुर तलवार नोएडा के जलवायु विहार स्थित आरुषि के नाना-नानी के घर पहुंचे. वहां उनके स्वागत की पहले ही तैयारी कर ली गई थी. घर पहुंचते ही आरुषि के नाना-नानी ने अपनी बेटी और दामाद का स्वागत किया.

मां से लिपट कर रोने लगीं नूपुर तलवार

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नूपुर तलवार की मां ने अपनी बेटी की आरती उतारी, टीका लगाया और मिठाई खिलाई, इतने पर नूपुर भावुक हो गईं और अपनी मां से गले मिल कर रोने लगीं. राजेश तलवार भी इस दौरान बेहद भावुक नजर आएं.

'राजेश और नूपुर तलवार को वक्त चाहिए'

तलवार दंपति की रिहाई पर खुशी जताते हुए नूपुर की जेठानी वंदना तलवार ने कहा कि वे लोग राजेश और नूपुर तलवार के मानसिक हालात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं. वंदना ने कहा, 'अब हम सब परिवार की तरह रहना चाहते हैं और सभी से अपील करते हैं कि राजेश और नूपुर तलवार को थोड़ा वक्त दें, ताकि वे अपनी सामान्य अवस्था में आ सकें. वे अभी किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं.' 

नौ साल बाद मनेगी घर में दिवाली

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आरुषि के नाना ने बताया कि आरुषि की हत्या के बाद नौ साल से उन्होंने दिवाली का त्योहार नहीं मनाया, लेकिन इस बार बेटी-दामाद के रिहा होने पर वे दिवाली जरूर मनाएंगे. मई 2008 में आरुषि की हत्या हुई थी, तब से नाना-नानी और आरुषि के माता-पिता ने दिवाली नहीं मनाई थी.

जब जेल से बाहर निकले तलवार दंपति

12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दंपति को रिहा किया था. पर रिहाई की कॉपी जेल तक देर से पहुंचने के कारण दोनों जेल से सोमवार को छूट पाए. शाम पांच बजे राजेश और नूपुर तलवार जेल से बाहर आए. करीब चार साल बाद उन्होंने खुली हवा में सांस ली. उनके हाथ में तीन बैग थे. काले रंग का एक बैग राजेश के हाथ में था. ऐसा ही एक बैग नूपुर के हाथ में और एक हैंडबैग भी था. बता दें कि दोनों ने जेल में कैदी के तौर पर कमाए पैसों को जेल अथॉरिटी को दान में दे दिया है.

चेहरे पर सुकून, खुली हवा में सांस लेने की खुशी

सबसे पहले जेल के गेट से दंपति के भाई बाहर आए. उसके बाद उनके वकील और फिर दोनों एक साथ गेट से निकले. इसके बाद राजेश और नूपुर मीडिया के कैमरे के सामने खड़े हो गए. दोनों कुछ देर कैमरे के सामने खड़े रहे. सफेद हॉफ शर्ट पहने राजेश तलवार के चेहरे पर जहां बरी होने का सुकून था तो इतने दिनों बाद खुली हवा में सांस ले रही आरुषि की मां नूपुर तलवार सिर नीचे झुकाए खड़ी थीं. उन्होंने कैमरे से आंखें नहीं मिलाई और सिर नीचे किए कुछ सेकंड खड़ी रहीं. फिर दोनों मीडिया के हुजूम के बीच आगे निकले और वहां खड़ी कार में बैठ कर रवाना हो गए.

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'उन्हें उनका सम्मान और शांति लौटा दें'

जेल से बाहर आने के बाद तलवार दंपति के वकील ने कहा कि उनके साथ आखिरकार न्याय हुआ. कानून व्यवस्था में लोगों का विश्वास मजबूत होगा. हमारे क्लाइंट ने कभी हिम्मत नहीं हारी. यहां पर ऐसा कोई शख्स नहीं है जिसे उनके निर्दोष होने पर शक हो. हम सबसे गुजारिश करते हैं कि उनको उनका खोया हुआ सम्मान, आदर लौटा दें. उन्हें शांति से जीने दें.

कितने दिन जेल में रहा तलवार दंपति?

राजेश तलवार ने डासना जेल में 3 साल 10 माह और 21 दिन बतौर सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे हैं. वहीं विचाराधीन के तौर पर 1 माह 20 दिन जेल में काटे हैं. जबकि नूपुर तलवार ने डासना जेल में 3 साल 6 माह और 22 दिन सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे हैं. वहीं विचाराधीन के तौर पर 4 माह 26 दिन जेल में काटे हैं. 12 अक्टूबर को ही हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भी तलवार दंपति की रिहाई नहीं हो पाई क्योंकि समय से जेल प्रशासन को फैसले की कॉपी नहीं मिली थी.

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