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झारखंड: पेरोल पर छूटे दबंग रेपिस्ट को गांव वालों ने दिनदहाड़े मार डाला

जमशेदपुर के आदित्यपुर गांव का रहने वाला रतन लोहार इलाके में कुख्यात था और उसके खिलाफ कई थानों में केस दर्ज हैं. मई 2012 से वह गांव की ही एक विधवा महिला से रेप के जुर्म की सजा काट रहा था.

रेप की सजा काट रहे कुख्यात अपराधी को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला रेप की सजा काट रहे कुख्यात अपराधी को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला
आशुतोष कुमार मौर्य
  • जमशेदपुर,
  • 04 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

झारखंड के जमशेदपुर में होली वाले दिन भीड़ ने मिलकर दिनदहाड़े रतन लोहार नाम के शातिर अपराधी को पीट-पीटकर मार डाला. मारे गए शख्स के बेटे की शिकायत पर गांव के आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

आठ लोगों के खिलाफ जहां नामजद केस दर्ज किया गया है, वहीं सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज हुई है. शेष नामजद आरोपी फरार हैं. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शनिवार को परिजनों को शव सौंप दिया.

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बता दें कि जमशेदपुर के आदित्यपुर गांव का रहने वाला रतन लोहार इलाके में कुख्यात था और उसके खिलाफ कई थानों में केस दर्ज हैं. मई 2012 से वह गांव की ही एक विधवा महिला से रेप के जुर्म की सजा काट रहा था.

गांव वालों की गवाही से हुई थी जेल

गौरतलब है कि गांव वालों की गवाही के बाद ही रतन लोहार को सजा हुई थी. हालांकि सजा होने से पहले 2012 में भी गांव वालों ने उसके घर पर हमला बोल दिया था, हालांकि तब उसे पुलिस ने किसी तरह बचा लिया था.

लेकिन अंततः रतन लोहार को रेपिस्ट करार दिया गया और उसे सजा सुना दी गई. डेढ़ साल पहले ही वह पेरोल पर छूटा था. जब वह जेल से छूटा तो गांव वालों ने उस पर गांव में घुसने से प्रतिबंध लगा दिया.

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होली पर पत्नी-बच्चों से आया था मिलने

बीते शुक्रवार को रतन लोहार अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने गांव आया हुआ था. होली वाले दिन दोपहर करीब 3.0 बजे अपने तीन दोस्तों के साथ स्कॉर्पियो में वह गांव पहुंचा. गांव वालों को जैसे ही पता चला उन्होंने उसे रोक लिया.

'दैनिक भास्कर' के मुताबिक, रोके जाने पर रतन लोहार के साथियों ने गांव वालों को हथियार दिखाकर डराने की कोशिश की. लेकिन गांव वालों में उलटे आक्रोश भड़क गया. 100 से अधिक गांव वालों ने लाठी-डंडा लेकर उन्हें दौड़ा लिया .

उग्र गांव वालों को देखकर रतन ने गोली भी चलाई, लेकिन गांव वाले माने नहीं. भागते हुए रतन लोहार झारखंड राज्य आवास बोर्ड की इमारत के छत पर जाकर छिप गया. लेकिन गांव वालों ने उसे ढूंढ निकाला और पीट-पीटकर मार डाला.

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