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रोड रेज में वकील की परिवार सहित पिटाई, FIR तक नहीं लिख रही पुलिस

'शांति, सेवा, न्याय’... ये देश की राजधानी की पुलिस का ध्येय वाक्य है. मतलब दिल्ली पुलिस का दावा है कि वो शांति स्थापित करने या बनाए रखने, सेवा करने और पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए हमेशा तैयार रहती है. हालांकि ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जिनमें पुलिसकर्मी अपने ही इस दावे का मखौल उड़ाते नजर आते हैं. ऐसी ही एक घटना पेशे से वकील आनंद मिश्रा के साथ हुई जिसमें दिल्ली पुलिस न्याय दिलवाना तो दूर FIR तक दर्ज नहीं कर रही.

फाइल फोटो फाइल फोटो
विकास कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

'शांति, सेवा, न्याय’... ये देश की राजधानी की पुलिस का ध्येय वाक्य है. मतलब दिल्ली पुलिस का दावा है कि वो शांति स्थापित करने या बनाए रखने, सेवा करने और पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए हमेशा तैयार रहती है. हालांकि ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जिनमें पुलिसकर्मी अपने ही इस दावे का मखौल उड़ाते नजर आते हैं. ऐसी ही एक घटना पेशे से वकील आनंद मिश्रा के साथ हुई जिसमें दिल्ली पुलिस न्याय दिलवाना तो दूर FIR तक दर्ज नहीं कर रही.

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आनंद कुमार मिश्रा पिछले 15 साल से दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रहते हैं और हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. भजनपुरा के मार्केट में 9 मई को आनंद की बाइक को किसी ने टक्कर मारी. तब उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चा भी था. उन्होंने इसका विरोध किया तो स्थानीय दुकानदारों ने आनंद कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी के साथ ही मारपीट कर दी.

घटना के बारे में आनंद बताते हैं, 'मैं घर पर रहता हूं तो अक्सर उजला पैजामा-कुर्ता पहनता हूं. उसी ड्रेस में मैं अपनी पत्नी और बच्चे के साथ निकल गया था. बच्चा बीमार था और हम उसे पास के अस्पताल में ले जा रहे थे. वहां एक लड़के ने अपनी बाइक से मेरी बाइक को टक्कर मार कर गिरा दिया. जब हमने विरोध किया तो देखते ही देखते आसपास के कई दुकानदार हमपर बरस पड़े. यहां तक कि मेरी पत्नी को भी नहीं छोड़ा. उनके साथ भी इनलोगों ने मारपीट की.’

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आनंद बताते हैं, 'उन्होंने मुझे तब छोड़ा जब उन्हें मेरे गले में रुद्राक्ष की माला दिखी. असल में माला टूट गई थी और रुद्राक्ष सड़क पर बिखर गए थे.’

आनंद को लगता है कि उनके साथ मारपीट करने वाले स्थानीय लोग उन्हें मुस्लिम समझ रहे थे और इस वजह से उनके साथ ज्यादा मारपीट हुई. यह पूरा मामला सीसीटीवी में कैद है जिसमें दिख रहा है कि धक्का मारने वाले युवक को आनंद ने एक तमाचा मारा और उसके बाद वहां खड़ा एक दूसरा युवक आनंद पर टूट पड़ा.

आनंद इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहते थे. उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया लेकिन घटना के 11 दिन बाद भी वो इस मामले की FIR नहीं लिखा पाए हैं या इसको यूं कहना सही होगा कि घटना के 11 दिन बाद भी पुलिस इस मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है.

इस बारे में आनंद कहते हैं, 'मुझे डराया जा रहा है. पैसे लेकर मामले को रफादफा करने को कहा जा रहा है. हर रोज थाने का चक्कार लगाने के बाद भी पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही. ना वो मना कर रही है और ना रिपोर्ट लिख रही है. वो बस इस मामले को टाले जा रही है.’

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 इस मामले में भजनपुरा थाने के थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह के मुताबिक आनंद मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचे ही नहीं इसीलिए अभीतक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई. aajtak.in से फोन पर बात करते हुए, सिंह कहते हैं, 'ना, ना...ऐसी कोई बात नहीं है. वो खुद ही नहीं आए. देखो आज आ जाएं शायद. आज आ जाएंगे तो आज ही दर्ज कर लेंगे. कोई बड़ी बात नहीं है.’

वहीं इस मामले के पीड़ित आनंद कुमार मिश्रा का दावा है कि 9 तारीख की घटना के बाद से वो और उनके सहायक वकील लगभग हर दिन थाने के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है.

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