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जल्द नहीं खत्म होने वाला लैंडफिल साइट्स का विवाद, NGT ने टाली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में लैंडफिल साइट्स को लेकर 16 जुलाई को सुनवाई होनी है और एनजीटी अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को करेगा यानी अगले 2 महीने तक इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि लैंडफिल साइट्स को लेकर बनी समस्या हल हो पाएगी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

दिल्ली में फिलहाल लैंडफिल साइट्स को लेकर समस्या हल होती नजर नहीं आ रही है. एनजीटी में आज सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही सुनवाई कर रहा है लिहाजा जब तक वहां पर अगली सुनवाई ना हो तब तक मामले की सुनवाई को टाल दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट में लैंडफिल साइट्स को लेकर 16 जुलाई को सुनवाई होनी है और एनजीटी अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को करेगा यानी अगले 2 महीने तक इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि लैंडफिल साइट्स को लेकर बनी समस्या हल हो पाएगी.

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डीडीए की तरफ से ईस्ट एमसीडी को सोनिया विहार और गोंडा गुर्जर में नए लैंडफिल साइट्स बनाने के लिए 130 एकड़ जमीन दी गई थी,  लेकिन यह जमीन ईस्ट एमसीडी तक पहुंच पाती उससे पहले ही इन जगहों पर लैंडफिल साइट्स को लेकर विरोध शुरू हो गया.

सोनिया विहार और गोंडा गुर्जर के आम लोगों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कपिल मिश्रा भी शामिल हैं.

पिछले साल गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के ढेर के गिरने के चलते 2 लोग इस में दबकर मर गए थे और कई लोग घायल हुए थे. उसके बाद कोर्ट की सख्ती सिविक एजेंसियों पर थी कि पहले से ही ओवरफ्लो गाजीपुर जैसी लैंडफिल साइट्स पर कूड़ा आगे ना डाला जाए. लेकिन एमसीडी की तरफ से कहा गया कि उनके पास नए लैंडफिल साइट शुरू करने के लिए जमीन ही नहीं है.

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दिल्ली सरकार ने भी जमीन देने से इंकार कर दिया. ऐसे में जब डीडीए ने एनजीटी के निर्देश पर जमीन दी तो लग रहा था कि कूड़े की समस्या का हल हो जाएगा, लेकिन विवादित हो चुके मामले के अब अगले 2 महीने में तो इसका समाधान होता नजर नहीं आ रहा.

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