Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में NEET को चुनौती देने वाली छात्रा ने की खुदकुशी

नीट की परीक्षा में अनीता को 700 में से महज 86 अंक ही मिले थे. जिसके बाद उसने पिछले महीने केवल नीट के अंकों के आधार पर स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश की मांग करने वाली एक याचिका के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

अनीता ने नीट परीक्षा के खिलाफ उठाई थी आवाज अनीता ने नीट परीक्षा के खिलाफ उठाई थी आवाज
राहुल सिंह
  • चेन्नई,
  • 02 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

मेडिकल में दाखिले के लिए नीट के खिलाफ जंग छेड़ने वाली तमिलनाडु की होनहार छात्रा अनीता ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली. अनीता ने मेडिकल में दाखिला नहीं मिलने से निराश होकर यह कदम उठाया. अनीता की मौत से पूरे तमिलनाडु में शोक की लहर है. शनिवार को कई दलित संगठनों ने राज्य के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन किया.

पिता हैं दिहाड़ी मजदूर

Advertisement

17 साल की अनीता अरियालुर जिले के कुझुमुर गांव की रहने वाली थी. उसने अपने घर में खुदकुशी की. अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली छात्रा के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. अनीता ने तमिलनाडु बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 1,200 में से 1,176 अंक प्राप्त किए थे, मगर राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) में वह क्वालिफाई नहीं कर पाई.

नीट में मिले थे महज 86 अंक

नीट की परीक्षा में अनीता को 700 में से महज 86 अंक ही मिले थे. जिसके बाद उसने पिछले महीने केवल नीट के अंकों के आधार पर स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश की मांग करने वाली एक याचिका के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

नीट का पेपर नहीं कर रहा छात्रों से न्याय

अनीता ने अपनी याचिका में कहा था कि नीट के प्रश्नपत्र काफी कठिन और पूरी तरह सीबीएसई के पाठ्यक्रम पर आधारित थे. उसने कहा था कि नीट परीक्षा का प्रारूप राज्य के पाठ्यक्रम को पढ़ने वाले छात्रों के साथ न्याय नहीं कर रहा है.

Advertisement

SC ने दिया था राज्य सरकार को आदेश

गौरतलब है कि गत 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नीट के आधार पर मेडिकल में दाखिला शुरू करने का आदेश दिया था. यह फैसला तमिलनाडु के अध्यादेश को केंद्र से मंजूरी नहीं मिलने के बाद आया था. इसमें राज्य के छात्रों को नीट से एक साल की छूट देने की मांग की गई थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी लगातार आ रहीं हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और PMK नेता अंबुमणि रामदास ने अनीता की मौत के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री पलानीसामी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया था कि तमिलनाडु को नीट से एक साल के लिए छूट मिलेगी.

फिल्मी हस्तियों ने भी जताया शोक

वहीं तमिल सुपर स्टार रजनीकांत और कमल हासन ने भी अनीता की मौत पर शोक जताया. शनिवार को कमल हासन अनीता के परिवार से मिलने के लिए उनके गांव कुझुमुर जा सकते हैं.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement