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UP: योगी की पुलिस का अजब हाल, थाना इंचार्ज का नोटों के हार से स्वागत

शनिवार को इंस्पेक्टर उमेश कुमार पांडेय लोनी थाने का चार्ज संभालने पहुंचे. हैरत की बात यह है कि जैसे ही उमेश पांडेय थाना लोनी पहुंचे, तो उनका स्वागत नोटों की माला पहनाकर किया गया.

लोनी के SHO का नोटों के हार से स्वागत लोनी के SHO का नोटों के हार से स्वागत
तनसीम हैदर/आशुतोष कुमार मौर्य
  • गाजियाबाद,
  • 11 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को अपराध मुक्त करने और नौकरशाहों को निस्वार्थ काम करने का संदेश दिया. लेकिन लग रहा है कि योगी की पुलिस को रुपयों से कुछ ज्यादा ही मोह है. दिल्ली की सीमा से लगे गाजियाबाद के लोनी थाने में शनिवार को अजब नजारा देखने को मिला, जब थाना इंचार्ज का पद संभालने आए इंस्पेक्टर उमेश कुमार पांडेय का स्वागत नोटों की माला से किया गया.

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लोनी के थानाध्यक्ष का 2 दिन पहले प्रमोशन होकर बुलंदशहर ट्रांसफर हो गया है. उन्हीं की जगह शनिवार को इंस्पेक्टर उमेश कुमार पांडेय लोनी थाने का चार्ज संभालने पहुंचे. हैरत की बात यह है कि जैसे ही उमेश पांडेय थाना लोनी पहुंचे, तो उनका स्वागत नोटों की माला पहनाकर किया गया.

इतना ही नहीं नोटों का हार डलवाकर कोतवाल साहब भी गदगद नजर आए. उन्होंने इसका जरा भी विरोध नहीं किया. गौरतलब है कि यह तस्वीर तब सामने आई है, जब सूबे में योगी की सरकार है, जो अधिकारियों को नियमों का पालन करने और सयंमित व्यवहार का संदेश देते रहे हैं.

वहीं 9 जिलों के SSP के साथ समीक्षा बैठक के लिए मेरठ पहुंचे DGP ने भी आज कहा कि पुलिस अधिकारी अपना आचरण सही रखें. साथ ही उन्होंने कहा कि SHO थाने को अपनी जागीर ना समझें.

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आपको बताते चलें कि दिल्ली से सटे इस लोनी इलाके में क्राइम का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है. लोनी इलाके में आए दिन लूट, चोरी, डकैती, अपहरण, झपटमारी की वारदातें लगातार सामने आती रहती हैं. पुलिस भी इलाके में दिन पर दिन बढ़ रहे अपराध पर काबू पाने में असफल साबित हुई है.

ऐसे में क्या लोनी थाने के नए इंचार्ज नोटों का हार स्वीकार कर क्या संदेश देना चाहते हैं. क्या वह ये बताना चाहते हैं कि अपराध करते रहें और पुलिस को इसी तरह चढ़ावा चढ़ाते रहें. हालांकि बताया जा रहा है कि थाना इंचार्ज के स्वागत के लिए यह नोटों का हार स्थानीय नेता लाए थे.

ऐसे में फिर से सवाल उठ खड़ा होता है कि क्या थाने पर तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों को पता था कि नोटों की माला कौन लाया है. अगर पता था तो उन्होंने उन नेताओं के इस अजीब उपहार को कैसे स्वीकार कर लिया.

क्या यह पुलिस की सही छवि पेश करती है. क्या लोनी पुलिस यह संदेश देना चाह रही है कि पुलिस उसका काम तत्परता से करेगी जो उसे रुपयों का उपहार चढ़ाएंगे. क्या वह यह बताना चाह रही है कि रुपये वालों के प्रति वह इसी तरह मुस्कुराती रहेगी.

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वास्तव में लोनी थाने की यह तस्वीरें हैरान कर देती हैं. पुलिस महकमे में होकर और कोतवाली के अंदर नोटों की माला पहनाना और पहनना दोनों ही पुलिस आदर्श संहिता से गलत है और लोगों को बेहद गलत संदेश ये तस्वीरे दे रही हैं.

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