
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से पुलिस ने एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. जांच में पता चला कि मृतक की पहली पत्नी के बेटे और बहू ने जमीन-जायदाद में हिस्सा पाने के लिए साजिश रची और फिर राधेश्याम को मौत की नींद सुला दिया. पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को हथियारों समेत गिरफ्तार कर लिया है. सभी को जेल भेज दिया गया है. जबकि इस मामले में नामजद आरोपित अनिल सरोज की कोई भूमिका नहीं पाई गई.
हत्याकांड का पर्दाफाश
मिर्जापुर के विंध्याचल इलाके में 11 अप्रैल 2020 को हुए राधेश्याम मौर्या हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. पुलिस ने इस मामले में अनिल को नामजद किया था. लेकिन अब पुलिस का कहना है कि राधेश्याम की हत्या में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें उनका बेटा और बहू भी शामिल हैं. इनके पास से पुलिस ने तीन तमंचे एक रिवॉल्वर और कारतूस बरामद किए हैं.
पुलिस ने बताया कि राधेश्याम मौर्या जब अपने किराने की दुकान पर बैठा हुआ था, तभी मोटरसाइकिल सवार हत्यारों ने उसे गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया था. हत्या की वजह संपत्ति विवाद था. कारण था कि राधेश्याम ने तीन शादियां की थी.
बेटे और बहू निकले कातिल
राधेश्याम पहली पत्नी सीता देवी को 40 साल पहले छोड़ चुका था. जो आर्यसमाज के आश्रम लोहंदी में रहती है. सीता देवी से राधेश्याम का लड़का तौलन उर्फ राजू मौर्य है. तौलन की पत्नी सरिता है और दोनों गोसाईंपुरवा में रहते हैं. मृतक ने अपने बड़े भाई माधवप्रसाद की हत्या कर दी थी और बाद में उसकी पत्नी कलावती से शादी कर ली. इनसे लड़का राजेंद्र हुआ.
दूसरी पत्नी की मृत्यु के बाद मृतक राधेश्याम ने सोनभद्र की रहने वाली सुगवंती से तीसरी शादी की. जो अपने बच्चों सूरज और अनिता को साथ लेकर आई थी. राधेश्याम से दो पुत्री आंचल व काजल का जन्म हुआ और अभी साथ में ही रह रही थीं. मृतक ने पहली पत्नी से लड़के तौलन को संपति में कोई हिस्सा नहीं दिया.
मृतक ने की थी तीन शादियां
इसी बीच मृतक ने दूसरी पत्नी के बेटे राजेंद्र के नाम से राजगढ़ में 14 बिस्वा जमीन खरीदने की जानकारी मिली. मृतक की योजना थी कि कचरिया नई बस्ती के मकान और जमीन को 30 लाख रुपए में बेचकर राजगढ़ में बस जाए.
इससे तौलन और उसकी पत्नी सरिता को यह बात समझ में आ गई कि राधेश्याम उन्हें कोई हिस्सा जमीन में नहीं देगा. सरिता ने घटना से 20 दिन पहले अपने भाई जयप्रकाश मौर्य को बुलाया व उसके मौसेरे भाई सूरज तथा दूर के रिश्तेदार अजय मौर्य व पिन्टू विश्वकर्मा के राधेश्याम की हत्या की योजना बनाई गई.
जायदाद में हिस्से को लेकर मर्डर
जमीन का हिस्सा बेचकर दो लाख रुपये हत्या के एवज में सरिता व तौलन ने देने का वादा किया था. घटना के दिन अजय मौर्य राधेश्याम के घर के आसपास पहुंच उसकी निगरानी की. जैसे ही राधेश्याम सो गया तो अजय ने पिन्टू, सूरज व जयप्रकाश को इशारे से बताया और स्वयं थोड़ी दूर पर निगरानी करने लगा. जयप्रकाश, सूरज व पिन्टू मोटरसाइकिल से पहुंचकर गुटखा मांगने के बहाने राधेश्याम पर तमंचे से एक फायर कर दिया. कुल तीन गोलियां मारी गई और सभी बाइक से वहां से फरार हो गए.
पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने बताया इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस, एसओजी व सर्विलांस टीमों को लगाया गया. सभी के फोन रिकार्ड्स व लोकेशन ट्रेस करने के बाद मामले साफ हो गया. टीम में विध्याचल थाना प्रभारी वेदप्रकाश राय, केदारनाथ मौर्य, स्वाट टीम प्रभारी रामस्वरुप वर्मा व एसओजी प्रभारी विनोद कुमार यादव सहित कुल 19 पुलिसकर्मी शामिल रहे. पुलिस अधीक्षक ने टीम को 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा की है.