Advertisement

डिफेंस न्यूज

भैंसों की सवारी, माफिया के यमराज... यहां की पुलिस करती है भैंस पर पेट्रोलिंग, होती है खास ट्रेनिंग

aajtak.in
  • साओ पाउलो,
  • 24 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST
  • 1/8

ब्राजील में एक शहर में पुलिस घोड़े पर पेट्रोलिंग नहीं करती. बल्कि ये खास तरह की भैंस पर पेट्रोलिंग करती है. ताकि कीचड़ और पानी में भागने और छिपने वाले अपराधियों को पकड़ सकें. इस काम के लिए इन भैंसों को ट्रेनिंग भी दी जाती है. (फोटोः रॉयटर्स)

  • 2/8

ब्राजील के उत्तर में मराजो द्वीप है. यहीं पर अमेजन नदी अटलांटिक महासागर से मिलती है. इस द्वीप का आकार करीब-करीब स्विट्जरलैंड जितना है. यहां पर पुलिसिंग का तरीका ऐसा है जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है. (फोटोः AFP)

  • 3/8

मराजो द्वीप की मिलिट्री पुलिस सड़कों और खेतों में घोड़े या गाड़ियों पर गश्ती नहीं करती. बल्कि ये एशियन वाटर बफैलो (Asian Water Buffalo) की सवारी करते हुए पेट्रोलिंग करती है. (फोटोः AFP)

Advertisement
  • 4/8

आमतौर पर ये भैंस भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है. लेकिन अब इन भैंसों का नया ठिकाना है मराजो द्वीप. इस द्वीप तक इन भैंसों के पहुंचने की कहानी क्या है, ये तो रहस्य है. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि ये भैंसें किसी टूटे हुए जहाज के साथ यहां पहुंचीं. (फोटोः AFP)

  • 5/8

दूसरी तरफ कुछ लोगों का दावा है कि ये उन कैदियों के साथ आईं, जो फ्रेंच गुएना से भागे थे. इससे फर्क नहीं पड़ता कि ये भैंसें कैसे वहां पहुंचीं. लेकिन ये सभी भैंस बेहद काम की साबित हो रही हैं. (फोटोः AFP)
 

  • 6/8

मराजो द्वीप पर कुल इंसानों की संख्या 4.40 लाख है. लेकिन इन भैंसों की संख्या करीब 5 लाख है. यानी इस द्वीप पर इंसान से ज्यादा एशियन वाटर बफैलो हैं. इन भैंसों की इस इलाके में बड़ी इज्जत है. किसानों की मदद करती हैं. भैंसों की रेस होती है. (फोटोः AFP)

Advertisement
  • 7/8

इसके अलावा इनका मांस भी खाया जाता है. 19वीं सदी में अमेरिकी आर्मी में एक रेजिमेंट थी. जिसका नाम बफैलो सोल्जर्स ऑफ मराजो था. इन भैंसों का सबसे पहले इस्तेमाल बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को खोजने और उन्हें बचाने के लिए किया गया था. (फोटोः गेटी)

  • 8/8

ये कितना भी कीचड़ हो, पानी हो, मैनग्रूव्स हों ये अपने ऊपर बैठे जवान को लेकर उसे पार कर जाती हैं. जबकि घोड़े या गाड़ी ये काम नहीं कर सकते. भैंसों को नियंत्रित करने के लिए जवानों की सख्त ट्रेनिंग होती है. बल्कि भैंसों की भी ट्रेनिंग कराई जाती है. (फोटोः रॉयटर्स)

Advertisement
Advertisement