अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने यूक्रेन को अपनी लंबी दूरी की JASSM बैलिस्टिक मिसाइल दी है. ताकि वह रूस के अंदर मॉस्को तक हमला कर सके. इस मिसाइल का पूरा नाम है ज्वाइंट-एयर-टू-सरफेस स्टैंडऑफ मिसाइल (JASSM) है. इसके जरिए यूक्रेन रूस के कम से कम 30 एयरबेस को टारगेट कर सकता है. (फोटोः गेटी)
इस मिसाइल और F-16 फाइटर जेट्स का बेहद खतरनाक कॉम्बीनेशन है. इस मिसाइल को इस फाइटर जेट से लॉन्च किया जा सकता है. यूक्रेन के पास कई एफ-16 फाइटर जेट्स मौजूद हैं. (फोटोः AFP)
अगर इस मिसाइल से रूस पर हमला किया जाता है तो जवाबी कार्रवाई ज्यादा तगड़ी होगी. 1088 kg वजनी JASSM मिसाइल में 453 kg का सिर्फ वॉरहेड लगता है. यूक्रेन अपने F-16 फाइटर जेट से 370.4 km दूर से मिसाइल दाग सकता है. लेकिन जरूरत पड़ने पर इस मिसाइल की रेंज 900 km किया जा सकता है. (फोटोः AFP)
इस मिसाइल को अमेरिकी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. अब तक 7500 मिसाइलें बन चुकी हैं. इस मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिकी वायुसेना, ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स, पोलैंड एयरफोर्स और फिनलैंड की एयरफोर्स कर रही है. (फोटोः गेटी)
इसका पहला इस्तेमाल सीरिया पर अमेरिकी हमले के दौरान हुआ था. 14.1 फीट लंबी इस मिसाइल की चौड़ाई 22 इंच और ऊंचाई 18 इंच है. इसमें आमतौर पर WDU-42/B Penetrator वॉरहेड लगता है. जिसका मुख्य मकसद बंकर, इमारत, बख्तरबंद वाहन, या किसी भी मजबूत इमारत को ध्वस्त करना है. (फोटोः USAF)
इसकी रेंज 370.4 किलोमीटर है. यानी F-16 पर लगाकर इसे अगर यूक्रेन रूस की सीमा से छोड़ता है, तो भी यह मिसाइल रूस के काफी अंदर जाकर बड़ी तबाही मचा सकता है. इसमें दो मूविंग विंग्स लगे होते हैं और दो टेल प्लेन्स ताकि इसकी दिशा और गति को नियंत्रित किया जा सके. (फोटोः USAF)
इस मिसाइल की सटीकता इतनी बढ़िया है कि अगर टारगेट फिक्स जगह से 9.10 फीट भी दूर होता है, तो उसका खात्मा तय है. अमेरिका इसका इस्तेमाल B-1 Lancer, B-2 Spirit, B-52 Stratofortress, F-15E Strike Eagle, F-16 Fighting Falcon, F/A-18 Hornet, Rapid Dragon: C-130, C-17 विमानों में कर रहा है. (फोटोः USAF)
ऑस्ट्रेलिया ने तो अमेरिका से इसके दो वैरिएंट खरीदे हैं. इसके अलावा पोलैंड ने तीन वैरिएंट खरीदने का ऑर्डिर दे रखा है. यह भी माना जा रहा है कि भविष्य में जर्मनी, नीदरलैंड्स औऱ जापान भी इस मिसाइल को खरीदें. इसे लेकर बातचीत चल रही है. (फोटोः USAF)