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Indian Navy में शामिल हुआ Seahawk हेलिकॉप्टर, दुश्मन पनडुब्बियों की अब खैर नहीं

Indian Navy ने दुश्मनों की पनडुब्बियों पर नजर रखने और उन्हें खत्म करने वाले Seahawk हेलिकॉप्टरों को शामिल कर लिया है. अब चीन या PAK की सबमरीन भारत के तटीय और समुद्री इलाकों की जासूसी नहीं कर पाएंगी. ये हेलिकॉप्टर उन्हें खोजकर या तो भगा देगा. या फिर जरूरत पड़ने पर नष्ट कर देगा.

ये है भारतीय नौसेना का नया Seahawk हेलिकॉप्टर जिसकी नजर से कोई भी पनडुब्बी नहीं बच सकती. ये है भारतीय नौसेना का नया Seahawk हेलिकॉप्टर जिसकी नजर से कोई भी पनडुब्बी नहीं बच सकती.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

Seahawk हेलिकॉप्टरों को आमतौर पर MH-60R बुलाते हैं. 2020 में अमेरिका से ऐसे 24 हेलिकॉप्टरों की डील हुई थी. इन हेलिकॉप्टरों के स्क्वॉड्रन को INAS-334 के नाम से जाना जाएगा. यह अमेरिका के ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टरों का समुद्री वर्जन है. इसकी कमीशनिंग कोच्चि के INS Garuda में की गई. इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार शामिल थे.

इस हेलिकॉप्टर से भारतीय नौसेना के समुद्री ताकत को बढ़ावा मिलेगा. हिंद प्रशांत क्षेत्र में सीहॉक की तैनाती भारतीय नौसेना की समुद्री उपस्थिति को सशक्त करेगी. इस हेलिकॉप्टर का R यानी रोमियो है. 2025 तक नौसेना को 24 रोमियो हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे. 

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सीहॉक्स हेलिकॉप्टर को पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह पर संघर्ष, खोज एवं बचाव, चिकित्सा व निकासी और वर्टिकल रिप्लेनिशमेंट के लिए तैयार किया गया है. इसे भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant पर तैनात किया जाएगा. इसे फ्रिगेट, कॉर्वेट या डेस्ट्रॉयर्स से भी ऑपरेट किया जा सकता है. रोमियो को अमेरिकी कंपनी स्कोरस्की बनाती है. रोमियो के कुल 5 वैरिएंट्स हैं. 

वीआईपी मूवमेंट हो या जासूसी, हमला हो रेसक्यू... सबमें परफेक्ट

इन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल निगरानी, जासूसी, वीआईपी मूवमेंट, हमला, सबमरीन खोजना और उसे बर्बाद करने में काम आ सकता है. रोमियो हेलिकॉप्टर पर दर्जनों सेंसर्स और रडार लगे हैं जो दुश्मन के हर हमले की जानकारी देते हैं. इसे उड़ाने के लिए 3 से 4 क्रू मेंबर्स की जरूरत होती है. 

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सीहॉक हेलिकॉप्टर का अधिकतम टेकऑफ वजन 10,433 kg है. लंबाई 64.8 फीट है. ऊंचाई 17.23 फीट है. इसके मुख्य पंखे का व्यास 53.8 फीट है. यह हेलिकॉप्टर की एक बार में 830 km की दूरी तय कर सकता है. अधिकतम 12 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. अधिकतम 270 km की गति से उड़ सकता है. 

हेलफायर मिसाइलों से लैस... बच ही नहीं सकता इसका टारगेट

जरूरत पड़ने पर गति को बढ़ाकर 330 km/hr तक ले जाया जा सकता है. इस पर दो मार्क 46 टॉरपीडो या MK 50 या MK 54s टॉरपीडो लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा 4 से 8 AGM-114 Hellfire Missile लगाए जा सकते हैं. इस हेलिकॉप्टर पर APKWS यानी एडवांस्ड प्रेसिसिशन किल वेपन सिस्टम लगा सकते हैं. 

इस हेलिकॉप्टर पर चार प्रकार की हैवी मशीन गन लगाई जा सकती है. जिनसे दुश्मन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना आसान हो जाता है. इसके अलावा रैपिड एयरबॉर्न माइन क्लियरेंस सिस्टम (RAMICS) और 30 मिमी की Mk 44 Mod तोप लगाई जा सकती है. 

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