
अमेरिकी सरकार ने दुनिया भर के सभी नेताओं और यूरोपीय मित्रों को चेतावनी दी है कि रूस के पास अंतरिक्ष में सीक्रेट हथियार है. जो किसी भी देश पर परमाणु हमला करने की क्षमता रखता है. यह खबर तब बाहर आई जब यूएस हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन माइक टर्नर ने इसे गंभीर रूप राष्ट्रीय खतरा बताया.
माइक टर्नर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपील की है कि इस हथियार से संबंधित सभी जानकारियों को सार्वजनिक किया जाए. मुद्दा ये है कि आखिर ये हथियार है कौन सा? क्या रूस के पास सच में ऐसा हथियार है जो अंतरिक्ष से ही किसी देश, उसके किसी हथियार डिपो, या किसी भी जगह पर हमला कर सकता है.
यह भी पढ़ें: साल भर पहले जिस मिसाइल का हुआ था सीक्रेट टेस्ट... अगले महीने फिर हो सकता है समंदर में ट्रायल
रूस के पास डायरेक्ट एसेंट एंटी-सैटेलाइट मिसाइल है. जिसका नाम है PL-19 Nudol. इसे सिस्टम ए-235 भी बुलाया जाता है. इसका पहला परीक्षण 18 नवंबर 2015 में किया गया था. मई 2016 में रूस ने इसका दोबारा परीक्षण किया. इसके बाद दिसंबर 2016, मार्च 2018 और दिसंबर 2018 में इसके और परीक्षण किए गए.
लगातार किए गए थे इस मिसाइल के परीक्षण
रूस ने इसके बाद एक नए तरह के ASAT मिसाइल का परीक्षण MiG-31 से सितंबर 2018 में किया. लेकिन उसका नाम किसी को नहीं पता है. न ही रूस ने किसी को कभी बताया. 15 अप्रैल 2020 में रूस ने एक और एसैट मिसाइल का परीक्षण किया जो धरती की निचली कक्षा में किसी भी स्पेसक्राफ्ट या सैटेलाइट को मार गिरा सकता है. इसके बाद फिर दिसंबर 2020 में इसी मिसाइल का परीक्षण किया गया. जिसके नाम के बारे में किसी को नहीं पता.
2021 में अपनी मिसाइल से गिराया था सैटेलाइट
साल 2021 के नवंबर महीने में रूस ने एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से अपने पुराने Kosmos 1408 को अंतरिक्ष में उड़ाया था. जिसकी वजह से फैले कचरे से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को खतरा पैदा हो गया था. जहां तक बात रही PL-19 Nudol मिसाइल की, तो ये एक एंटी-बैलिस्टिक और एंटी-सैटेलाइट मिसाइल है.
यह भी पढ़ें: Ukraine की शिकायत... Russia ने उसकी तरफ दागी Zircon हाइपरसोनिक मिसाइल, जानिए इसकी ताकत
50 km की ऊंचाई और 350 km की रेंज
इसे बनाने का मकसद था मॉस्को और यूरोपियन रूस वाले इलाके में किसी भी तरह के परमाणु हमले को रोका जा सके. यह मिसाइल 350 किलोमीटर के इलाके में किसी भी तरह की मिसाइल को मार गिरा सकती है. यानी इसका रेंज इतना है. इसके अलावा यह मिसाइल अधिकतम 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इस मिसाइल में पारंपरिक और परमाणु हथियार लगा सकते हैं.
पहले भी रूस बना चुका है ऐसी मिसाइल
रूस के पास इससे पहले A-135 एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल थी. कहा जा रहा है कि इसे अपग्रेड करके रूस ने इसे अंतरिक्ष से हमला करने लायक बना दिया है. रूस के पास ऐसी 68 मिसाइलें हैं. इनका वजन 33 से 45 हजार kg है. ये 19.8 मीटर लंबी और 2.57 मीटर व्यास वाली मिसाइलें हैं. इनकी रेंज 350 से 900 किलोमीटर है. A-135 मिसाइल की गति 8,600 किलोमीटर प्रतिघंटा है. अगर यह मिसाइल अंतरिक्ष से धरती की तरफ दागी जाती है, तो इसकी गति कई गुना बढ़ जाएगी. ये ताकत उसे गुरुत्वाकर्षण शक्ति से मिलेगी.
क्या रूस कर पाएगा किसी देश पर इन मिसाइलों से हमला?
रूस अपनी इन मिसाइलों से किसी देश के सैटेलाइट पर तो हमला कर सकता है लेकिन सीधे उसे जमीन पर नहीं गिरा सकता. अगर अंतरिक्ष में ज्यादा सैटेलाइट खत्म होते हैं तो उससे फैलने वाला कचरा कई और सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकता है. यहां तक कि इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और चीन के स्पेस स्टेशन को भी खतरा हो सकता है.
रूस के अलावा भारत, अमेरिका और चीन भी अपने एंटी-सैटेलाइट हथियारों का सफल परीक्षण कर चुके हैं. ये मिसाइलें जमीन से उड़कर अंतरिक्ष में घूम रहे किसी भी सैटेलाइट को मार कर गिरा सकती हैं. लेकिन किसी भी देश ने अब तक यह खुलासा नहीं किया है कि उनकी कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष में तैनात है या नहीं.