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झारखंड: नौकरियों में इस आधार पर मिल सकता है 100 फीसदी आरक्षण

झारखंड के 11 गैर-अनुसूचित जिलों की थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को अगले 10 साल तक 100 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है. 

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक/धरमबीर सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST

झारखंड के 11 गैर-अनुसूचित जिलों की थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को अगले 10 साल तक 100 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है.  राज्य के भू-राजस्व मंत्री अमर बावरी की अध्यक्षता में गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने इस बाबत अनुशंसा के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसे बहुत जल्द  राज्य सरकार को भेजा जाएगा. इस कमेटी में अमर बावरी के अलावा विधायक राधाकृष्ण किशोर, सत्येंद्र नाथ तिवारी, राज सिन्हा, अमित मंडल और कार्मिक सचिव एसकेजी रहाटे शामिल हैं.

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13 अनुसूचित जिलों की तर्ज पर बना है यह ड्राफ्ट

इस छह सदस्यीय कमेटी ने अनुसूचित जिला तय करने के मानक को ही आधार बना कर 11 गैर अनुसूचित जिलों में भी इस तरह का प्रावधान लागू करने की बात ड्राफ्ट में रखी है. फिलहाल यह प्रावधान राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में लागू है. इसके प्रावधानों के मुताबिक इन 13 जिलों में दूसरी जगह के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकते.

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समिति ने अनुसार राज्य के कई अनुसूचित जिलों से गैर अनुसूचित जिलों की स्थिति बदतर है. समिति ने यह भी पाया है कि अनुसूचित जिला तय करने के मानक जैसे शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर, सिंचाई, प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा के अवसर सहित कई आधार में गैर अनुसूचित जिलों की स्थिति अनुसूचित जिलों से खराब है. साथ ही झारखंड इकनोमिक सर्वे को भी समिति ने अपना आधार बनाया है. कमिटी ने झारखण्ड लोक सेवा आयोग की पीटी परीक्षा में भी आरक्षण की अनुशंसा की है.

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भारत सरकार के नीति आयोग ने देश में 115  जिलों को पिछड़ा घोषित किया है जिसमें झारखण्ड के 19 जिले हैं. इनमे से आठ गैर अनुसूचित जिले हैं. कमेटी ने गैर अनुसूचित जिलों में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को भी स्थगित करने की सिफारिश की है. बीते दो फरवरी को गठित इस छह सदस्यीय कमेटी को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था. हालांकि बाद में कमेटी के आग्रह पर इसकी समय सीमा बढ़ाई गई थी.

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