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जानें करणी सेना से जुड़ी हर बात, कैसे मशहूर हुआ ये संगठन

फिल्‍म पद्मावती जबसे बनना शुरू हुई, तभी से करणी सेना इसका विरोध कर रही है. आंदोलन से लेकर हिंसा तक का रास्‍ता अख्तियार करने वाली करणी सेना के बारे में जानिए कि आखिर ये संगठन करता क्‍या है?

प्रदर्शन करते हुए करणी सेना के सदस्य प्रदर्शन करते हुए करणी सेना के सदस्य
अनुज कुमार शुक्ला
  • ,
  • 17 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

इन दिनों संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की सबसे बड़ी दुश्मन करणी सेना बनी हुई है. ये फिल्म जब से बनना शुरू हुई है, तभी से करणी सेना इसका विरोध कर रही है. वहीं राजस्थान के जयपुर में रानी पद्मावती फिल्म की शूटिंग के दौरान करणी सेना के सदस्यों पर हमला बोल दिया था, जहां सेट पर तोड़फोड़ करने के अलावा डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की पिटाई भी कर दी थी. उनका आरोप है कि डायरेक्टर फिल्म की स्क्रिप्ट में छेड़छाड़ करते हुए रानी पद्मावती का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रहे हैं.

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जानें आखिर कौन है करणी सेना जो इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है

फिल्म 'पद्मावती' के विरोध का झंडा थामने वाली करणी सेना राजस्थान के लिए नई नहीं है और न ही नया है उनकी कार्रवाई का ये अंदाज. इससे पहले भी रियासत दौर के किरदारों पर फिल्म बनने पर विरोध जताया था. इस संगठन ने 'जोधा अकबर' फिल्म का प्रदर्शन रोकने की भी कोशिश की थी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, साल 2006 में बनी करणी सेना ने क्लेम किया था कि उसके साढ़े सात लाख रजिस्टर्ड मेंबर राजस्थान में हैं. इसके सारे सदस्य 40 की उम्र के नीचे हैं. ऐसे सदस्य जिनकी उम्र 40 साल से अधिक होती है, उन्हें एडवाइजरी कमिटी में शामिल कर लिया जाता है. करणी सेना के फाउंडर लोकेंद्र सिंह कालवी हैं.

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ऐसेे मिला करणी सेना को नाम

ऐसी मान्यता है कि बीकानेर की करणी माता दुर्गा/ जगदम्बा का अवतार हैं. जोधपुर और बीकानेर की रियासतें उन्हें बहुत मानती रही हैं. उन्‍हीं आस्था और शक्ति से प्रेरित होकर संगठन का नाम करणी रखा गया था.

आरक्षण की मांग से करणी सेना की शुरुआत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने संगठन की शुरुआत राजपूतों के लिए आरक्षण की मांग से की थी. फिर धीरे-धीरे उसने अपना दायरा बढ़ाया लिया और दूसरे मुद्दों पर भी आवाज उठाने लगी. पहले माना जाता था कि करणी सेना से जुड़े अहिंसक लोग हैं, जो इतिहास और पॉलिटिक्स को नहीं समझते. अपने हिसाब से विरोध करते हैं. पर धीरे-धीरे ऐसे संगठनों की ताकत बढ़ी. लोग जुड़ते गए और समाज में इनका दखल बढ़ने लगा.

करणी सेना ने कब-कब किया विरोध

सबसे पहले करणी सेना तब सुर्खियों में आई जब 2008 में फिल्म 'जोधा अकबर' के प्रदर्शन के दौरान इसके सदस्यों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. बता दें, साल 2013 में करणी सेना ने 'जोधा अकबर' टीवी सीरियल के विरोध में मोर्चे निकाले और आरोप लगाया कि इस सीरियल में इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार जयपुर साहित्य उत्सव में जब एकता कपूर मंच पर चर्चा में भाग ले रही थीं, तब करणी सेना के सदस्यों ने विरोध किया था.

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इन संगठनों के नाम पीछे जुड़ा है 'सेना'

करणी सेना ऐसा अकेला संगठन नहीं जिसके नाम के पीछे 'सेना' शब्द जुड़ा हुआ है. इससे पहले विप्र समाज के लिए 'परशुराम सेना' सामने आई जिसने परशुराम के प्रतीक फरसे को लक्ष्य कर अपनी जाति को संगठित करने का प्रयास किया था. गुर्जर आंदोलन के दौरान 'देव सेना' और 'पथिक सेना' भी सतह पर दिखाई दी. इसके बाद 'मीन सेना' का नारा भी राजस्थान की गलियों में गूंजा.

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करणी सेना की धमकियां

बता दें, राजपूत करणी सेना के महिपाल सिंह मकराना ने फिल्म पद्मावती की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी दी है. एक वीडियो जारी कर कहा- 'राजपूत महिलाओं पर कभी हाथ नहीं उठाते, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वही करेंगे जो लक्ष्मण ने शूर्पणखा के साथ किया था.' साथ ही करणी सेना ने फिल्म की रिलीज रोकने के लिए सिनेमाघरों के मालिकों और हर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को खून से चिट्ठी लिखने की धमकी भी दी है.

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