कोरोना की दूसरी लहर के बाद देशभर के अस्पतालों में मरीजों की कतार लगी है. ऐसे में डॉक्टरों के साथ साथ नर्सेज और हेल्थकेयर स्टाफ बहुत बड़ा रोल निभा रहे हैं. अगर आपमें भी मानवता की सेवा का जज्बा है तो इस फील्ड में अपना कॅरियर बनाना चाह रहे हैं. तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी लम्बे समय तक काम करने की क्षमता रखने वालों के लिए यह सबसे अच्छा है. आइए जानते हैं कि नर्सिंग में करियर कैसे बना सकते हैं.
ऐसे करें शुरुआत
नर्स (परिचर्या) बनने के इच्छुक लोग विभिन्न स्तरों से इसकी शुरुआत कर सकते हैं. आप सहायक नर्स मिडवाइफ/हेल्थ वर्कर (एएनएम) कोर्स से शुरू कर सकते हैं. इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि डेढ़ वर्ष है और न्यूनतम योग्यता दसवीं पास है. इसके अलावा आप जनरल नर्स मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स भी कर सकते हैं जो कि साढ़े तीन साल का होता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता 40 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान में बारहवीं उत्तीर्ण होना है.
एएनएम व जीएनएम के अलावा देश भर में फैले हुए विभिन्न नर्सिंग स्कूलों-कॉलेजों से नर्सिंग में स्नातक भी किया जा सकता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता 45 प्रतिशत अंकों के साथ अंग्रेज़ी, भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान में बारहवीं उत्तीर्ण रखी गई है. इसके लिए आपकी आयु कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए.
बीएससी नर्सिंग (बेसिक के पश्चात) पाठ्यक्रम के लिए आप दो वर्ष के रेगुलर कोर्स या त्रिवर्षीय दूरस्थ शिक्षा वाले पाठ्यक्रम में से किसी एक को चुन सकते हैं. रेगुलर कोर्स के लिए जहां न्यूनतम योग्यता 10+2+जीएनएम है. वहीं दूरस्थ शिक्षा से यह कोर्स करने के लिए न्यूनतम योग्यता 10+2+जीएनएम+ दो वर्ष का अनुभव है. बता दें कि बेसिक बीएससी नर्सिंग कोर्स ही आधुनिक माना जाता है.
भारतीय रक्षा सेवाओं द्वारा संचालित बीएससी (नर्सिंग) कोर्स के लिए 17 से 24 वर्ष की महिलाओं का चयन किया जाता है. यहां भी न्यूनतम योग्यता भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान तथा अंग्रेज़ी विषयों में 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं है. प्रार्थी को एक लिखित परीक्षा भी पास करनी होती है. उसे शारीरिक रूप से भी फिट रहना चाहिए. चयनित लोगों को रक्षा सेवाओं के लिए पांच वर्ष का अनुबंध करना होता है.
किसी भी आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी प्राप्त करने के लिए जीएनएम अथवा बीएससी ही पर्याप्त होता है. प्रत्येक राज्य में नर्सों को रजिस्टर करने वाली अलग-अलग संगठन होते हैं. शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप अपने राज्य की नर्सिंग काउंसिल में अपना पंजीकरण करा सकते है. पंजीयन आपको जॉब प्राप्त करने में सहायता करता है.
नर्सिंग के बेसिक कोर्स के अलावा आप पोस्ट-बेसिक स्पेशियलिटी (एक-वर्षीय डिप्लोमा) कोर्स करके निम्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं:
कार्डिएक थोरेकिक नर्सिंग
क्रिटिकल-केयर नर्सिंग
इमरजेंसी एवं डिजास्टर नर्सिंग
नवजात की परिचर्या (नियो-नेटल नर्सिंग)
मस्तिष्क-संबंधी रोगों में परिचर्या (न्यूरो नर्सिंग)
नर्सिंग शिक्षा एवं प्रशासन
कर्क-रोग संबंधी नर्सिंग (ऑन्कोलोजी नर्सिंग)
ऑपरेशन-रूम नर्सिंग
विकलांग चिकित्सा नर्सिंग
मिड वाइफरी प्रैक्टिशनर
मनोरोग परिचर्या (साइकैट्रिक नर्सिंग)
ये होगा खर्च
नर्सिंग की पढ़ाई का खर्च संस्थान पर निर्भर करता है. सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज, निजी संस्थानों की अपेक्षा कम दर पर शिक्षा मुहैया कराते हैं. निजी संस्थान बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए 40,000 से 1,80,000 तक वार्षिक फीस वसूलते हैं. जीएनएम कोर्स के लिए यहां फीस 45,000 से 1,40,000 के बीच होती है. वहीं सरकारी कॉलेजों से इसकी फीस काफी कम होती है.
नौकरी के अपार अवसर
सरकारी अथवा निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, आरोग्य निवास, विभिन्न अन्य उद्योगों एवं रक्षा सेवाओं में ट्रेंड नर्सों के लिए नौकरी के अपार अवसर हैं. इनके लिए इन्डियन रेड-क्रॉस सोसाइटी, इन्डियन नर्सिंग काउंसिल, स्टेट नर्सिंग काउन्सिल्स और अन्य नर्सिंग संस्थानों में भी कई अवसर हैं. यहां तक कि एएनएम कोर्स के बाद ही इन्हें सारे देश में फैले हुए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवक के रूप में नौकरी मिल जाती है.
नर्सें मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग स्कूलों में शिक्षण कार्य के अलावा प्रशासनिक कार्य भी कर सकती हैं. उद्यमी लोग अपना खुद का नर्सिंग ब्यूरो शुरू करके अपनी शर्तों पर काम कर सकते हैं.
वेतनमान
इस क्षेत्र में शुरुआती तौर पर आपको 7 से 17 हज़ार रुपये तक मासिक वेतन मिल सकता है. मिड-लेवल पदों पर नर्सें 18 से 37 हज़ार रुपये प्राप्त कर लेती हैं. अधिक अनुभवी नर्सों को 48 से 72 हज़ार रुपये तक भी मासिक वेतन के रूप में मिल सकते हैं. यूएस, कनाडा, इंग्लैण्ड व मध्य-पूर्व के देशों में रोज़गार पाने वाली नर्सों को इससे भी अधिक वेतन मिलता है.
विदेश में भी जॉब के मौके
विदेशों में उच्च शिक्षित नर्सों की बहुत मांग है. भारत कई देशों में नर्सों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश बन चुका है. अच्छे पैसे व बेहतर रहन-सहन की चाहत में अनुभवी भारतीय नर्सें विदेशों का रुख करने लगी हैं. देश में नर्सों की संख्या में कमी की एक बड़ी वजह यह भी है
नर्सिंग करियर के लिए अपनाएं ये 3 स्टेप
स्टेप 1. किसी प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री या डिप्लोमा करें.
स्टेप 2. किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा.
स्टेप 3. कोर्स के बाद स्वयं को किसी भी राज्य की नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत कराना.