Advertisement

एजुकेशन न्यूज़

हिंदी मीडियम से कर रहे हैं UPSC की तैयारी? टॉपर ऋचा से जानिए खास स्ट्रेटजी

aajtak.in
  • 15 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST
  • 1/6

UPSC 2019 की परीक्षा में 274 वीं रैंक पाने वाली ऋचा अपनी तैयारी की स्ट्रेटजी के बारे में बताती हैं कि ये मेरा पांचवां अटेंप्ट था, इसको पास करने के लिए मैंने हर अटेंप्ट से कुछ न कुछ सीखा है. इस पूरी जर्नी से मैंने बहुत कुछ सीखा है. आइए जानते हैं उनकी स्ट्रेटजी के बारे में.

  • 2/6

हिंदी टॉपर रिचा ने एक इंटरव्यू में बताया कि प्रीलिम्स कठ‍िन चरण है. हिंदी मीडियम के लोगों को सी सैट काफी कठ‍िन लगता है. मेरा इंजीनियरिंग बैकग्राउंड था, इसलिए कठ‍िन नहीं लगा. अगर हम दो घंटे रोज एप्टीट्यूड, कांप्रीहेंशन, रीजनिंग वगैरह की प्रैक्ट‍िस करें तो ये आसानी से निकल जाएगा. 

  • 3/6

ऐसे की प्रीलिम्स की तैयारी 
प्रीलिम्स की बात करें तो इसका सिलेबस बहुत बड़ा है. जो कुछ भी तैयारी के लिए है वो इसमें आ जाता है. ऋचा कहती हैं कि इसलिए जरूरी है कि हम अपने रिसोर्स को सीमित करें. प्रीलिम्स की तैयारी में पॉलिटी के लिए लक्ष्मीकांत, हिस्ट्री के लिए विपिन चंद्रा और एनसीईआरटी की क‍िताबें काफी हैं. मेरी स्ट्रेटजी ये थी कि मैंने उसके लिए करेंट अफेयर्स के लिए रेगुलर न्यूज पेपर और कोचिंग की मंथली मैगजीन पढ़ी. 

Advertisement
  • 4/6

ऋचा बताती हैं कि मैंने अपनी तैयारी के लिए 20 से 30 हजार क्वेश्वचन सॉल्व किए. एक ही कोचिंग इंस्टीट्यूट का पेपर सॉल्व करते हैं तो आप कंफर्ट जोन में आ जाते हैं. मैंने अलग-अलग कोचिंग के पेपर सॉल्व किए. पेपर अटेंप्ट करने के लिए ध्यान रखें कि जो सवाल सौ फीसदी आते हैं , उन्हें हल करें. बाद में जिनमें गेस करना है, उन्हें हल करें. 

  • 5/6

मेंस के लिए सबसे इंपार्टेंट है आंसर राइटिंग, इसमें दो पार्ट होते हैं, जनरल स्टडीज और दूसरा ऑप्शनल के रूप में. हिंदी मीडियम में कंटेंट का प्रॉब्लम है क्योंकि हिंदी में क्वालिटी कंटेंट मौजूद  नहीं है. इसे कम से कम शब्दों में आंसर राइटिंग हिंदी में मुश्क‍िल है. इंटरव्यू के लिए वो कहती हैं कि मैंने मॉक इंटरव्यू से सबसे ज्यादा तैयारी की. इसके लिए अपने मॉक इंटरव्यू का वीडियो लेकर खुद सीखें और इंप्रूवमेंट करें तो यही सबसे फायदेमंद होता है. 

  • 6/6

बता दें कि ऋचा के पिता शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा बिहार में इत‍िहास विभाग में प्रोफेसर हैं और मां शश‍िकला होममेकर हैं. मैं भी एकेडमिक क्षेत्र में जाती लेकिन प्रशासनिक सेवाओं में जाने के विचार ने मेरा उद्देश्य बदल दिया. मुझे महसूस हुआ कि प्रशासन जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है. उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी के लिए खुद को सामान्य ज्ञान से अपडेट किया. उनका कहना है कि इंटरव्यू के लिए सिर्फ आत्मविश्वास और ज्ञान परखा जाता है, इसलिए हमें उस पर ध्यान रखना है. 

Advertisement
Advertisement
Advertisement