Advertisement

रिजल्ट

Bihar Board 10th Topper: रोज 20 किमी साइकिल चलाकर पहुंचता था स्‍कूल, ऐसे बना टॉपर

aajtak.in
  • कट‍िहार,
  • 06 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST
  • 1/7

Topper of Bihar: कल आए बिहार बोर्ड के दसवीं कक्षा के रिजल्‍ट में आशा कर्मी और पंचायत के न्याय मित्र के बेटे ने कमाल कर दिया है. कड़ी मेहनत और लगन से कटिहार के ऋषभ राज राजू ने मैट्रिक परीक्षा 2021 में स्टेट टॉप टेन में 10 वां स्थान प्राप्‍त क‍िया है, आइए जानें क्‍या है उनकी सफलता के पीछे छुपे परिश्रम की कहानी...

(बिपुल राहुल की रिपोर्ट)

  • 2/7

मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट में state top 10 में 10 वां स्थान प्राप्त कर कदवा प्रखंड के RNDV +2 उच्च विद्यालय सौनाली के ऋषभ राज राजू ने 475(95%) अंक लाकर बाजी मार ली है. ऋषभ के पिता पुष्प राज राजू ग्राम कचहरी में न्याय मित्र और मां ज्योति देवी आशाकर्मी हैं. चार भाई बहनों में सबसे छोटे ऋषभ राज राजू रोज अपने घर से 20 किलोमीटर दूर सायकिल से स्‍कूल पढ़ने जाता था.

  • 3/7

अपने परिवार का दुलारा ऋषभ मां के किचन के काम में भी हाथ बंटाता है. ऋषभ आगे UPSC की पढ़ाई करके IAS बनकर देश सेवा करना चाहता है, इसके लिए वो सरकार से मदद मांगा है. माता-पिता अपने पुत्र की सफलता पर गौरवान्वित हैं. बता दें कि‍ वो कटिहार के बाढ़ ग्रस्त इलाके कदवा प्रखंड के गोपिनगर पंचायत के आशियानी का निवासी है.

Advertisement
  • 4/7

ऋषभ राज ने aajtak से बातचीत में कहा कि मैं 20 किलोमीटर दूर साइकिल से डेली पढ़ने जाता था, इसमें काफी परेशानी होती थी. कभी साइकिल खराब भी हो जाती थी तो उस दिन विद्यालय में अनुपस्थित हो जाता था. बहुत मुसीबत से मेरे पिता-माता ने मुझे पढ़ाया. बहुत मुसीबतों का सामना करते हुए भी मेरे पिता जी मेरी शिक्षा में बाधा नहीं लाना चाहते थे. मुसीबत झेलते हुए मैंने पढ़ाई की और आज जिस स्थान पर हूं और इससे मेरे माता-पिता गुरुजन काफी उत्साहित हैं, मैं बिहार बोर्ड में इस बार 475 अंक लाकर दसवें स्थान पर हूं, मेरे पिताजी एक न्याय मित्र हैं. मां आशा स्वास्थ्य कर्मी है. हम लो दो भाई-दो बहन हैं. अब आगे UPSC कंप्लीट करके IAS ऑफिसर बनना चाहता हूं ताकि अपने राज्‍य और देश के लिए कुछ कर सकूं.

  • 5/7

अन्य छात्रों के लिये मैसेज देते हुए ऋषभ ने कहा कि ऐसी परिस्‍थ‍ित‍ियों में रहकर जब मैं अच्‍छा स्थान प्राप्त कर सकता हूं तो मेरे जैसे और छात्र भी अपनी लगन से आगे बढ़ सकते हैं, हमें किसी भी हाल में हार नहीं माननी चाहिए. सरकार से मेरा आग्रह है कि मेरी कुछ सहायता करें जिससे मैं आगे की पढ़ाई जारी रख सकूं.

  • 6/7

पिता पुष्‍प राज ने कहा क‍ि एक लो इनकम परिवार जो हर स्‍थ‍ित‍ि से समझौता करके जैसे-तैसे यही ख्वाहिश रखता है कि बच्चे को पढ़ाएं. मेरे बेटे ने मेहनत की है. इसमें शिक्षक लोगों का उचित मार्गदर्शन मिला और दसवीं पोजीशन मिली, मैं डबल ग्रेजुएट हूं. मैं पेशे से वकालत करता था लेकिन वकालत मेरी नहीं चली और जब हर एक ग्राम पंचायत में एक न्याय मित्र की बहाली हुई थी. उसमें हम लोगों ने भरा था तो न्याय मित्र के रुप में मैं गोपी नगर में कार्यरत हूं. मुझे 7 हजार रुपया भत्‍ता के तौर पर प्रतिमाह मिलता है, दो बच्चियां हैं और दोनों बड़ी और विवाह योग्य हैं और दो बेटा हैं, इसमें आज बड़े बेटे ने यह मुकाम हासिल किया है. इससे इतनी खुशी महसूस कर रहे हैं कि गर्व से छाती चौड़ी है. 

Advertisement
  • 7/7

मां ज्योति देवी ने कहा कि मैं गोपी नगर पंचायत में हूं, मैंने लॉकडाउन में चारों बच्चों को अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाके घर में पढ़ने को कहा. ऋषभ को भी सुबह उठकर के खाना बनाकर के देते थे. मेरा बेटा हमेशा मेरी मदद के लिए किचन में भी आकर हाथ बंटा देता था. बेटे ने जिस मेहनत से पढ़ाई की है, उसके बाद उसे जो मुकाम मिला, वो बहुत जरूरी था.

Advertisement
Advertisement