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UP Board Result 2021: जानिए यूपी बोर्ड की मार्किंग का पूरा क्राइटेरिया, कैसे तैयार होगा रिजल्ट

aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST
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कोरोना वायरस के प्रकोप के खतरों को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएमएसपी) की 10वीं-12वीं की परीक्षा कैंसिल कर दी है. सरकार ने मार्किंग पॉलिसी पर भी मुहर लगा दी है. जानिए- कक्षा 12वीं के छात्रों का रिजल्ट कैसे तैयार होगा. यूपी बोर्ड की मार्किंग स्कीम क्या है. किस तरह नंबरों की गणना होगी. कब तक रिजल्ट आएगा. 

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छात्रों के 12वीं के परिणाम की गणना करने के लिए तैयार की मार्किंग पॉलिसी सीबीएसई बोर्ड से एकदम अलग है. इसके लिए यूपी बोर्ड ने 50:40:10 का फार्मूला तैयार किया है. रिजल्ट तैयार करने के लिए कक्षा 10वीं में प्राप्त अंकों का 50 प्रतिशत वेटेज, कक्षा 11 के वार्षिक में प्राप्त अंकों का 40 प्रतिशत वेटेज, इसके अलावा अर्धवार्षिक परीक्षा और कक्षा 12वीं के प्री-बोर्ड में प्राप्त अंकों के 10 प्रतिशत का वेटेज दिया जाएगा. 

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बता दें कि साल 2021 में बोर्ड परीक्षाओं के लिए 56,04,628 छात्रों ने अपना पंजीकरण कराया है.  कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 29,94,312 छात्रों ने पंजीकरण कराया है, जिसमें 29,74,487 संस्थागत परीक्षार्थी और 19,825 निजी परीक्षार्थी शामिल हैं. वहीं कक्षा 12वीं के लिए, कुल 26,10,316 छात्रों ने बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है. इसमें 25,17,658 संस्थागत परीक्षार्थी और 92,658 निजी परीक्षार्थी शामिल हैं.

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बता दें कि डिप्टी मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि साल 2021 की परीक्षा के लिए कोई मेरिट लिस्ट नहीं होगी. छात्र (2021 के लिए पंजीकृत), जो सुधार परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, वे अगली बोर्ड परीक्षा में बिना किसी परीक्षा शुल्क के उपस्थित हो सकते हैं. लेकिन यह परीक्षा कोरोना से हालात सुधरने के बाद ही आयोजित होगी. 

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इस साल यूपी बोर्ड की ओर से 12वीं की मार्कशीट जुलाई में रिलीज की जाएंगी. छात्रों को हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन मिल पाए, इसके लिए 24 जून को सभी कुलपतियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक होगी जिसमें सरकार की तरफ से उन्हें निर्देश दिए जाएंगे. 

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बता दें कि यूपी बोर्ड का मार्किंग फार्मूला CBSE बोर्ड से एकदम अलग है. इसके पीछे खास कारण सीबीएसई का टीचिंग का तरीका पूरी तरह अलग है. वहीं यूपी बोर्ड का तरीका एकदम अलग है.  इस बार यूपी बोर्ड में पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा हुई है जबकि सीबीएसई में पिछले लंबे समय से प्री-बोर्ड हो रहा था. इसके अलावा कृषि, शारीरिक शिक्षा के लिए अलग-अलग फॉर्मूला होगा. 

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बता दें कि इससे पहले प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को रद्द किया गया था. प्रदेश सरकार ने हाई स्कूल के 29,94,312 और इंटरमीडिएट के 26,10.316 परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण करने का निर्णय लिया है. हाईस्कूल और इंटरमीडिए बोर्ड परीक्षा परिणाम का फॉर्मूला तय करने के लिए एसीएस आराधना शुक्ल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी. कमेटी को 3910 सुझाव मिले थे. प्रदेश के विधायकों, शिक्षाविद्वों, अभिभावकों, शिक्षकों ने इसमें सुझाव दिए हैं. 

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