
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कर्मचारी विनोद कुमार केवल अकाउंटिंग डिपार्टमेंट में अंकों का हिसाब ही नहीं रखते बल्कि टाइपिंग स्किल के लिए ‘गिनीज बुक रिकॉर्ड्स’ में उनके नाम चार रिकॉर्ड दर्ज हैं. इन रिकॉर्ड में उनका ताजा रिकॉर्ड मुंह में डंडी डालकर A से Z अंग्रेजी वर्णमाला लिखने का है. यह अद्भभुत कारनामा उन्होंने केवल 17.69 सेकेंड में कर दिखाया है.
उन्होंने पीटीआई को इंटरव्यू देते हुए कहा- "मैंने अपना पहला रिकॉर्ड वर्ष 2014 में बनाया था". जब मैंने अपनी नाक से 103 अक्षर 46.30 सेकेंड में लिखे थे. इस तरह लिखने के लिए लिया गया यह सबसे कम समय था.
नांगलोई के रहने वाले कुमार का दूसरा रिकॉर्ड आंखे बंद कर अंग्रेजी वर्णमाला को 6.71 सेकेंड में लिखने का था. वहीं तीसरा रिकॉर्ड उन्होंने एक उंगली से 29.53 सेकेंड में वर्णमाला लिखकर बनाया.
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एथलीट बनने का सपना
विनोद ने बताया कहा- मुझे स्पीड में हमेशा से रुचि थी, मैं एक एथलीट बनना चाहता था. मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं के चलते यह मुमकिन नहीं हो पाया. इसके बाद मैंने जेएनयू में डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम करना शुरू किया. जहां मुझे एहसास हुआ कि मैं टाइपिंग स्पीड में कई रिकॉर्ड बना सकता हूं.
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आपको बता दें, 38 साल के विनोद कुमार ने सोशियोलॉजी में ग्रेजुएशन की है. वह अपने घर में गरीब और दिव्यांग बच्चों को कंप्यूटर सीखाते हैं. विनोद ने बताया शुरुआत में लोगों ने मेरी टाइपिंग को लेकर काफी मजाक भी बनाया. लेकिन अब यही स्किल उनकी खासियत बन गई है. वह नाक से कमाल की टाइपिंग करते है. टाइपिंग करते समय दोनों हाथ पीछे बांध लेते हैं और की-बोर्ड को नाक से चलाते हैं.