
जलियांवाला हत्याकांड को आज 99 साल पूरे हो चुके हैं. 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व पर पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग में इस दिन ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हजारों लोगों को घायल कर दिया था. इस घटना ने भारत के इतिहास की धारा को बदल कर रख दिया.
जानें इस जघन्य हत्याकांड जुड़ी कुछ बातें.
- जलियांवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास का एक छोटा सा बगीचा है. 1919 में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था.
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वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों को सलाम किया है. उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा, 'जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों को सलाम. उनकी बहादुरी और वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों को सलाम. उनकी बहादुरी और वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता.
- कई लोगों के शव उस कुएं से निकाले गए, जिसमें लोग जान बचाने के लिए कूद गए थे.
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- हत्याकांड के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया, जिसकी वजह से कई जख्मी अस्पताल नहीं पहुंच सके.
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- अंग्रेज अफसर ब्रिगेडियर जनरल डायर के आदेश पर 10 मिनट तक 1650 राउंड गोलिया बरसाई गईं थी, दीवारों पर गोलियों के निशान आज भी मौजूद हैं.
- बता दें. डायर करीब 100 सिपाहियों के साथ बाग के गेट तक पहुंचा था. वहां पहुंचकर बिना किसी चेतावनी के उसने गोलियां चलवानी शुरू कर दी थी. गोलीबारी से डरे मासूम बाग में स्थित एक कुएं में कूदने लगे.गोलीबारी के बाद कुएं से करीब 200 शव बरामद हुए थे.