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जन्म से ही नहीं है हाथ, पैर से लिख कर पास की दसवीं की परीक्षा...

यह एक ऐसे किशोरवय युवा की कहानी है जिसे पढ़ने के बाद आपको अपनी दिक्कतें बेहद छोटी लगने लगेंगी. एक ऐसा युवा जिसने पैर से लिख कर दसवीं बोर्ड में अच्छे अंक हासिल किए.

Ajay Kumar (Photo Courtesy - TOI) Ajay Kumar (Photo Courtesy - TOI)
विष्णु नारायण
  • नई दिल्‍ली,
  • 21 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

यह खबर कोई मामूली खबर नहीं है. हम सभी अक्सर अपने दोस्तों से ऐसा कहते सुने जाते हैं कि आपने इतना अच्छा काम किया है कि आपके हाथ चूमने का जी कर रहा है. मगर कैसा हो यदि एक जबरदस्त काम करने वाले शख्स के हाथ ही न हों. 

यह कहानी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में रहने वाले 16 वर्षीय अजय कुमार की है. जन्म से ही उनके हाथ नहीं हैं. उन्होंने अपने पैर से लिख कर दसवीं बोर्ड की परीक्षा 71.8 फीसद अंकों के साथ की है.

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आगे बनना चाहते हैं इंजीनियर...
अजय हमेशा से गांव में ही रहे हैं और पढ़ने-लिखने के मामले में प्राथमिक सुविधाओं से वंचित रहे हैं. एक तो अपनी शारीरिक विकलांगता की वजह से और दूजा अपने घर-परिवार की गरीबी की वजह से. लेकिन उनके हौसले अब पहले से और अधिक बुलंद हैं. उन्हें 600 अंकों में 431 नंबर मिले हैं. वे आगे की पढ़ाई को इसी तरह जारी रखना चाहते हैं और भविष्य में इंजीनियर बनने की तमन्ना रखते हैं.

वहीं एक ओर हम हैं जो अपनी थोड़ी सी परेशानियों को लेकर इतने परेशान हो जाते हैं कि हमारे दिलो-दिमाग में हर तरह के नकारात्मक विचार आने लगते हैं. हम कभी पंखे से लटक जाना चाहते हैं तो कभी सल्फास की गोली खा लेना चाहते हैं. ऐसे में हमें अजय जैसे जीवट वालों से जिजीविषा और अदम्य साहस का पाठ सीखना चाहिए.

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