
इस दुनिया में जहां पूर्ण रूप से स्वस्थ लोगों का भी जीना मुहाल है उसी दुनिया में बाला नागेन्द्रन नाम का शख्स भी रहता है जो पूरी तरह दृष्टिबाधित हैं. इतना ही नहीं इस शख्स ने पूरी दुनिया के सामने ऐसी मिसाल पेश की है जिसे जान कर आप हैरान रह जाएंगे.
27 वर्षीय इस शख्स ने चार प्रयासों के बाद UPSC 2015 की परीक्षा पास कर ली है. उन्होंने इस परीक्षा में 923 रैंक हासिल की है.
आज भले ही पूरी दुनिया नागेन्द्रन को बधाई देते न थक रही हो लेकिन नागेन्द्रन के लिए यहां तक पहुंचना बड़ा ही मुश्किल रहा है. भारत के भीतर मौजूद 95 फीसदी वेबसाइट्स दृष्टिबाधित लोगों को कोई फायदा नहीं देते. वे इस सफलता का सारा श्रेय अपने पिता को देते हैं. वे कहते हैं कि उनकी पढ़ाई के लिए पिता ने पाई-पाई खर्च कर दिए. उनके पिताजी एक टैक्सी ड्राइवर हैं.
नागेन्द्रन अपनी दिक्कतों के बारे में बताते हैं कि हमारे देश में ब्रेल विधि से पढ़ाई करने वालों के लिए कोई सुविधा नहीं है. उन्हें सिविल सेवा तैयारी की बेसिक किताब (कीमत- 410 रुपये) को पढ़ने के लिए छह गुना अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ी है. नागेन्द्रन अपने पूरे परिवार में पहले ऐसे सदस्य भी हैं जिन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की है. उन्होंने साल 2007 में चेन्नई के बहुप्रतीष्ठित लोयला कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया है. वे इस संस्थान के पूरे इतिहास में ऐसा करने वाले पहले स्टूडेंट रहे हैं.
अब ऐसे लोगों के अदम्य साहस और जिजीविषा को देख कर हमारी-आपकी तमाम दिक्कतें और परेशानियां धुंध की तरह छंटने न लगें, तो कहना!