Advertisement

CLASS 9 सोशल साइंस बुक से ये लाइनें हटाएगी CBSE

CBSE ने NCERT की कक्षा 9 सोशल साइंस टेक्‍स्‍टबुक से कुछ लाइनों को हटाने का फैसला किया है. फिलहाल इन्‍हें केवल दक्षिण भारत के स्‍कूलों की किताबों से ही एडिट किया जाएगा.

STUDENTS STUDENTS
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 20 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने दक्षिण भारत में क्‍लास 9 की सोशल साइंस टेक्‍स्‍टबुक से कुछ लाइनों को हटाने का फैसला किया है. ये लाइनें नादर कम्‍युनिटी से संबंधित हैं.

नर्सरी एडमिशन: 2 जनवरी से शुरू होगी प्रक्रिया

इन्‍ाके बारे में हिस्‍ट्री की किताब में चैप्‍टर 8 में लिखा गया है. इस चैप्‍टर में 'अपर क्‍लॉथ रिवोल्‍ट' से संबंधित कुछ लाइनों में इनका जिक्र है. अब सीबीएसई ने इन्‍हें हटाने का फैसला किया है. यह फैसला इस समुदाय द्वारा इस टेक्‍स्‍ट पर ऐतराज जताए जाने के बाद लिया गया है.

Advertisement

स्कूलों में छात्रों को कैशलेस पेमेंट के लिए स्मार्टकार्ड मिले: सीबीएसई

गौरतलब है कि CBSE और अन्‍य स्‍टेट बोर्ड वर्ष 2006-07 से नेशनल कांउसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च यानी NCERT द्वारा छापी गई टेक्‍स्‍टबुक्‍स को फॉलो करते हैं. दरअसल Caste Conflict and Dress Change नामक इस सेक्‍शन में पुरातन भारत में भोजन और ड्रेस से संबंधित नियमों के बारे में बताया गया है.

अब एक सर्कुलर जारी कर 19 हजार स्‍कूलों को CBSE ने कहा है, 'इसे करिकुलम से हटाया जाए और इससे संबंधित कोई भी प्रश्‍न 2017 परीक्षाओं में ना पूछा जाए.' NCERT के डायरेक्‍टर ने कहा कि इस पेराग्राफ पर पहले ही कुछ पार्टियों के MP एतराज जता चुके थे.

NEET 2017: 8 भाषाओं में होगा एग्‍जाम, जल्‍द निकलेंगे फॉर्म

गौरतलब है कि AIADMK काफी समय से इसे हटाने की मांग करता रहा है. जयललिता ने भी इस अध्‍याय के कुछ भागों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, जिसके बाद इसमें से कुछ लाइनें हटाई गई थीं.

Advertisement

दरअसल इस चैप्‍टर में बताया गया था कि नादर, निचली जाति के लोग होते थे और वे अपने शरीर के उपरी हिस्‍से को नहीं ढका करते थे. बाद में इस समुदाय की औरतों ने ये हक पाने के लिए काफी संघर्ष किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement