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हाल ही में भारत में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट को अगर सही मानें तो 2017 के अंत तक भारत के 10 करोड़ बच्चे इंटरनेट सुविधा का फायदा उठा रहे होंगे. इसी को लेकर अधिकांश भारतीय पैरेंट्स चिंतित हैं कि उनके बच्चे कहीं साइबर क्राइम व यहां मिलने वाले अजनबियों के जाल में न फंस जाएं.
नॉर्टन साइबर इनसाइट्स रिपोर्ट-फैमिली एडिशन ने भारत में 57 प्रतिशत पेरेंट्स का सर्वे करने पर पाया कि वे उनके बच्चों और अपरिचितों के मेलजोल को लेकर चिंतित हैं.
इसके अलावा इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 21 प्रतिशत भारतीय पेरेंट्स ने ऐसे संकेत दिए कि उनके बच्चे ऐसे लोगों से मिले, जिन्हें वे निजी तौर पर नहीं जानते थे. वहीं पूरी दुनिया में यह आंकड़ा 9 प्रतिशत है.
बीसीजी स्टडी के अनुसार साल 2017 तक भारत के 10 करोड़ बच्चे ऑनलाइन हो जाएंगे. इंटरनेट उनके लिए डि़जिटल, शिक्षा, प्रशासन, स्वास्थ्य और व्यापार में अपार संभावनाएं खोलेगा. हालांकि इंटरनेट उन्हें साइबर क्राइम की जद में भी ले आता है और इसे लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत होगी.