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दिल्ली यूनिवर्सिटी वर्ष 2017-18 के दाखिले के लिए एक नई व समर्पित शाखा खोलगी. जैसे कि देश के अन्य यूनिवर्सिटीज में एडमिशन्स के लिए समर्पित ब्रांच हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी में ऐसी कोई सुविधा नहीं रही है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर की अध्यक्षता में बनी एक कमिटी के अंतर्गत होता है. अब इस ब्रांच की देखरेख डीन ऑफ एडमिशन्स करेंगे. यह एडमिशन से जुड़ी तमाम चीजों को देखेंगे.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया एक बड़ा उपक्रम है और इसे पूरा होने में चार माह लगते हैं. इस वर्ष केन्द्रीय एप्लिकेशन प्रक्रिया की वजह से एडमिशन और भी लंबा चला.
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में वाइस चांसलर योगेश त्यागी कहते हैं, 'दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष कुल 7.5 लाख एडमिशन फॉर्म दर्ज किए गए.'
वे आगे कहते हैं कि सिस्टम को पूरी तरह पारदर्शी, फेयर और ऑनलाइन बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है. हो सकता है कि कुछ टेक्निकल इश्यू हों, लेकिन वे फेयर एडमिशन प्रॉसेस के लिए पूरी कोशिश करते रहे हैं. स्पोर्ट्स के लिए केन्द्रीय ट्रायल और ECA अतिरिक्त प्रयास हैं. हालांकि वे और भी बेहतर करने की ओर प्रयासरत हैं.
वे इस बात पर आश्चर्य जताते हैं कि 60 कॉलेजों और 1.9 लाख स्टूडेंट्स के दाखिले के लिए कोई समर्पित शाखा नहीं है. वे कहते हैं कि इसके लिए कार्य प्रगति पर है. उनका कहना है कि वे एडमिशन शाखा की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के सारे दाखिले इसके अंतर्गत आएंगे और यह किसी एक डीन की देखरेख में चलेगा. हालांकि, समय सीमा को लेकर वह कुछ खुल कर नहीं कहते. वे विश्वविद्यालय के तमाम स्टेकहोल्डर्स से इस विषय पर सलाहमशविरा कर रहे हैं. वे साल 2017-18 के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएड एडमिशन्स से पहले इसके पूरे हो जाने की उम्मीद जताते हैं.