
हममें से ज्यादातर लोग समय की कीमत नहीं समझते हैं. जिस देश में सुपरफास्ट ट्रेनों का दो-चार घंटे लेट होना आम बात हो जाए. वहां भला 0.01 सेकेंड की कीमत क्या होगी? लेकिन इस 0.01 सेकेंड के कारण लाखों भारतीय लोगों का दिल टूट गया. जी हां, बात हो रही है ओलंपिक की. देश की फर्राटा धाविका दुती चंद महज 0.01 सेकेंड के कारण ओलंपिक में क्वालीफाई करने से चूक गईं.
ओडिशा की रहने वाली दुती चंद ने 100 मीटर की दौड़ 11.33 सेकेंड में पूरी करके नेशनल रिकॉर्ड बनाया है. वो दिल्ली स्थित 20वें फेडरेशन कप नेशनल एथलिट चैंपयनशिप में हिस्सा ले रहीं थीं. यहां उन्होंने रचिता मिस्त्री की 16 साल पुराना 11.38 सेकेंड का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लेकिन 0.01 सेकेंड देर होने के कारण रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने का उनका सपना टूट गया.
वैसे यहां इस बात का उल्लेख जरूरी है कि तमाम परेशानियों के बाद भी उन्होंने गेम से अपना फोकस नहीं हटाया. यही सबूत है उनकी मेहनत और कामयाबी का. दुती ने इस मौके पर कहा, 'मैं भले ही रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी लेकिन मैं निराश नहीं हूं. मैं काफी खुश हूं. अब नेशनल रिकॉर्ड मेरे नाम है. यह पहला सीजन है. यह पहला मौका था. मेरे पास काफी समय है अगले महीनों तक क्वालीफाई करने का.
जब 2014 में हाईपरएंड्रोजेनिज्म की शिकार होने के कारण दुती चंद पर इंटरनेशनल एथलेटिक फेडरेशन (IAF) ने बैन लगा दिया था तो सब यही समझ रहे थे कि अब यह नाम और चेहरा दोबारा ही शायद मैदान में दिखे. ज्यादातर लोगों के मुंह से यही सुनने में आ रहा था कि लड़कियों का स्पोर्ट्स करियर ही कितने दिनों का होता है. कहां ओडिशा के जुलाहे परिवार से आने वाली लड़की अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैन से टक्कर ले पाएगी.
उनके प्रशंसक भी एक समय नाउम्मीद होने लगे थे मगर वह दुती का चेहरा ही था जिस पर चुनौती स्वीकार करने का भाव सीधा झलक रहा था. उनके अंदर यह विश्वास था कि अगर कोई लड़की गरीब परिवार से आकर अपनी धमक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ला सकती है तो यह जंग भी वह जीत सकती है. ऐसा हुआ भी. पिछले साल IAF की ओर से लगाए गए बैन को दो साल के लिए टाल दिया गया.
अगर दुती ओलंपिक में क्वालीफाई करती हैं तो वह दो दशक पहले क्वालीफाईंग स्टैंडर्ड बनाए जाने के बाद ऐसा करने वाली पहली महिला होंगी. इससे पहले पीटी उषा ने मास्को ओलंपिक 1980 में हिस्सा लिया था.