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अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रजनटेटिव्स में एक बार फिर H-1B वीजा से जुड़ा बिल पेश किया गया है. इस बार बिल में विदेशी धरती पर जन्मे ऐसे लोग जिन्होंने अमेरिका से साइंस, तकनीक, इंजीनियरिंग या मैथ्स में Ph.D. किया है, उनके लिए रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड देने के नियमों में बदलावों की पेशकश की गई है.
कहा गया है कि इन लोगों को सालाना दिए जाने वाले H-1B वीजा की सीमित संख्या से दूर रखा जाए.
अगर ये बिल पास हो जाता है तो इसका सबसे अधिक फायदा भारतीयों को ही होगा.
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इसे कांग्रेसी एरिक पॉलसन और माइकी क्विगले ने पेश किया है. इस बिल के बाद भारतीयों को फायदा मिलने की उम्मीद है. इसे Stopping Trained in America Ph.Ds from Leaving the Economy यानी STAPLE Act का नाम दिया गया है.
पॉलसन ने कहा है, 'हजारों की संख्या में हाई स्किल जॉब्स खाली पड़ी हैं. अब STAPLE नाम के इस एक्ट से ये पुख्ता हो जाएगा कि अमेरिकी कंपनियों को पर्याप्त मात्रा में टैलेंट मिलेगा. ग्रीन कार्ड या वीजा के स्टेपलिंग को उनके डिप्लोमा से जोड़ने से, ये प्रोफेशनल नई खोज कर सकेंगे जो हमारी इकनॉमी के विकास में सहायक होगा.'
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क्विगले ने कहा कि अगर अमेरिका ये चाहता है कि उनके देश में नई खोज हों और इकनॉमी स्थिर रह, ग्लोबल मार्केटप्लेस में देश जगह बनाए रखे तो उसे दुनिया के ब्राइटेस्ट माइंड्स को यहां रहकर पढ़ने, काम करने को प्रोत्साहित करना ही होगा.
गौरतलब है कि पिछले माह ही यूएस राष्ट्रपति ने एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया था जिससे H-1B visa programme के नियमों को और कठोर बनाया जाए और वीजा के गलत इस्तेमाल को रोकर जा सके.