
मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगले साल से लॉ एवं मेडिकल कॉलेजों की रैकिंग की योजना बना रहा है. ये कॉलेज उच्च शिक्षण संस्थानों की रैकिंग की व्यवस्था के दायरे से बाहर हैं.
अब तक विश्वविद्यालयों, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेज ही रैकिंग व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं. इस पर विचार पहली राष्ट्रीय रैकिंग पर मिले फीडबैक के बाद हुई बैठक में तय हुआ कि विधि संस्थानों के लिए कुछ मानक तय होंगे.
इसके लिए दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति से चर्चा की जाएगी. इसी तरह मेडिकल संस्थानों की रैकिंग के लिए एम्स के निदेशक से मानक मांगे जाएंगे. इसके अतिरिक्त नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडेशन कानून एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों से जुड़े संबंधित पक्षों को लेकर एक उपसमिति का गठन कर सकता है.