
मानव संसाधन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स पर जांच बिठाने की तैयारी कर रहा है. इनमें से एक चांसलर को पूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने ही नियुक्त किया था. इस बाबत HRD ने राष्ट्रपति से मंजूरी मांगी है.
दरअसल लंबे समय से मानव संसाधन मंत्रालय को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीसी जमीरूद्दीन शाह और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वीसी, आर एल हंगलू के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं. इन पर संज्ञान लेते हुए HRD ने खोजबीन की तो उसे कई वित्तीय, प्रशासनिक और शैक्षिक अनियमितताओं का पता लगा है.
बता दें कि शाह को यूपीए सरकार ने मई 2012 में नियुक्त किया था. जबकि हंगलू को इस पद पर अभी एक साल से भी कम समय हुआ है. हाल ही में उन पर विश्वविद्यालय के कामकाज में राजनीतिक दखलदांजी कराने का आरोप भी लगा था.
हंगलू पर हैं आरोप:
- गैर-कानूनी नियुक्तियां करना जैसे ओएसडी और स्पोर्ट्स ट्रेनर. जबकि ये पद है ही नहीं.
- वित्तीय अनियमितताएं जिनमें अपनी सुरक्षा पर 10 लाख का मासिक खर्च और वीसी के घर की मरम्मत के लिए 70 लाख खर्च करना.
- शैक्षिक अनियमितताएं जैसे यूनिवर्सिटी के अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च प्रोगाम्स के लिए प्रवेश परीक्षा में अनियमितता.
- कैंपस में खराब माहौल जैसे असुरक्षा की भावना.
शाह पर हैं ये आरोप:
इसी तरह शाह पर भी कई अनियमितताओं के आरोप हैं. जैसे प्रोफेसर के रिक्त स्थान पर सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति, यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा एकत्र किए गए फंड को किसी निजी ट्रस्ट के नाम करना और कैंपस में कानून व्यवस्था का ना होना. इसके अलावा शाह ने एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर को नियुक्त किया और उसे अपनी अपातकालीन शक्तियां भी सौंप दीं, जबकि बिग्रेडियर ने कभी प्रोफेसर पद पर काम नहीं किया है.
जब शाह और हंगलू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है और अगर ऐसा होता है तो वे इस जांच के लिए तैयार हैं.