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IIT ने 30 कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट, वादाखिलाफी का आरोप...

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने 30 कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट. कैंपस प्लेसमेंट में आने के बाद था वादाखिलाफी का आरोप.

IIT IIT
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने ऐसी लगभग 30 कंपनियों का नाम पब्लिक कर दिया है, जो IIT के स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में जॉब का ऑफर देकर बाद में मुकर गए. ऑल आईआईटी प्लेसमेंट कमिटी (AIPC) की तरफ से उठाए गए सख्त कदम के तहत बीते गुरुवार को ऐसे 30 रिक्रूटर्स की लिस्ट जारी की गई. इनमें से 28 स्टार्टअस्स हैं. इन कंपनियों को कम से कम एक साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और वे इस साल किसी आईआईटी कैंपस प्लेसमेंट में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.

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आईआईटी गुवाहाटी में सेंटर फॉर करियर डेवलपमेंट की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, जिन कंपनियों को तत्काल प्रभाव से एक साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, उनमें जेटाटा, नाउफ्लोट्स, कंसल्टलेन, जिंपली, पेपरटैप, पॉर्टी मेडिकल, बाबाजॉब्स, GPSK, हॉप्सकॉच, स्मार्टट्रैक सोलर सिस्टम्स, क्रेयॉन डेटा इंडिया, ग्लो होम्स टेक्नॉलजीज, टेसरा सॉफ्टवेयर (रॉकऑन), ग्रोफर्स, टेनोवा इंडिया, वेरिटी नॉलेज सॉल्यूशंस, एक्सीलेंस टेक, स्टेजिला, रोडरनर, लेक्सिनोवा टेक्नॉलजीज, लगार्ड बर्नेट ग्रुप, जॉनसन इलेक्ट्रिक जापान, मेरा हुनर, फंडामेंटल एजुकेशन, कैशकेयर टेक्नोलॉजी, इंडसइनसाइट, क्लिकलैब्स, ग्रैबहाउस और मेड शामिल हैं.

जोमाटो कंपनी पर लगा बैन एक साल और चलेगा. जॉनसन इलेक्ट्रिक और फंडामेंटल एजुकेशन को छोड़कर बाकी स्टार्टअप हैं. ऑल आईआईटी प्लेसमेंट कमेटी (AIPC) के संयोजक कौस्तुभ मोहंती ने अखबार से बातचीत में कहा कि 'ऐसे मामले पहले भी हुए हैं, जिनमें हमने एक-दो कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक ही साल में इतनी कंपनियों को काली सूची में डाला गया हैय कंपनियों के नाम सार्वजनिक करने का फैसला आम सहमति से लिया गया. वे गलती करने वालों को सख्त संदेश देना चाहते हैं.'

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इस पूरे मामले पर मोहंती ने कहा कि मोटे अनुमान के मुताबिक कंपनियों के ऑफर वापस लेने या अपॉइंटमेंट में देरी करने के लिए IIT कैंपस में लगभग 120 स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं. अगस्त के मध्य में आईआईटी कानपुर में हुई AIPC की मीटिंग में यह भी फैसला किया गया था कि अगर ब्लैकलिस्टेड कंपनियां सालभर बाद कैंपस आना चाहेंगी तो उनको पहले AIPC को लिखित में यह बताना होगा कि उन्होंने अपने ऑफर वापस क्यों लिए थ. उनको फिर AIPC के सामने प्रेजेंटेशन देना होगा और उनकी मीटिंग में हर मेंबर के साथ एक एक कर के बातचीत करनी होगी.

AIPC के सूत्रों की मानें तो ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियों के अलावा 11 ऐसी स्टार्टअप्स हैं जिनका नाम पब्लिक तो नहीं किया गया लेकिन उनको वॉर्निंग लेटर जारी किया गया है. इनमें फ्लिपकार्ट शामिल है जिसने पहले ऑफर टाल दिया था, फिर उसमें संशोधन करके अस्थायी उपाय के तौर पर प्रभावित स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप अरेंज करने का प्रस्ताव दिया. जिन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है उनमें से GPSK, पॉर्टी मेडिकल, पेपरटैप और कैशकेयर टेक्नॉलजीज ने लेक्स इनोवा की तरह ज्वाइनिंग डेट देने में देर की थी.

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