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जब सब्जी बेचने वाले की लड़की बनी शतरंज विश्व विजेता...

पुणे शहर में सब्जी बेचने वाली शख्स की 16 वर्षीय बेटी ने FIDE World Youth Championships जीती है. बेशक उनकी इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लगन और मेहनत के आगे दुनिया झुकती है...

Aakanksha Hagawane- under-16 World Chess Champion Aakanksha Hagawane- under-16 World Chess Champion
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

भारत में तो आजकल बड़ों की तुलना में बच्चे ही कारनामे कर रहे हैं. चाहे पी वी सिंधू, साक्षी मलिक या विराट कोहली की दुनिया भर में हो रही चर्चा हो या फिर हाल के दिनों में महाराष्ट्र प्रांत के पुणे शहर से ताल्लुक रखने वाले सब्जी बेचने वाले शख्स की 16 वर्षीय बेटी का वैश्विक स्तर पर संपन्न हो रहे FIDE World Youth Championships में जीत का सेहरा बंधना.

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यह सबकुछ अभूतपूर्व है और भारत धीरे-धीरे ही सही मगर मजबूत कदमों से वैश्विक स्तर पर अपनी धमक का एहसास पूरी दुनिया को करा रहा है.

यह आकांक्षा के लिए हैट्रिक है...
Aakanksha Hagawane अभी महज 16 साल की हैं और वह बीते दिनों श्रीलंका में संपन्न हुए अंडर 16 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप, कोलकाता में संपन्न अंडर 17 चैंपियनशिप के साथ-साथ FIDE World Youth Championships जीतने में सफल रही हैं. उनकी यह उपलब्धि उन्हें हैट्रिक चैंपियनशिप जीतने का तमगा दिलाती है.

इरान की अलीनासाब मोबिना के मुंह से छीनी जीत...
फाइनल गेम में Aakanksha Hagawane आठ प्वाइंट के साथ नीदरलैंड की काजारिया अन्ना मजा से टाई अंक पर थीं, लेकिन काजरिया इरान की मोबिना से इस बीच मुकाबला हार गईं. मोबिना ने बाद में काजरिया को हरा दिया. गौरतलब है कि आकांक्षा की हार और मोबिना की हार में महज .5 प्वाइंट का फासला था.

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एक-एक प्वाइंट के लिए जूझना पड़ा...
यहां हम आपको बताते चलें कि Aakanksha Hagawane को रूस की शौवालोवा पोलिना से एक मैच गंवाना पड़ा था. हालांकि आकांक्षा ने अपना सफर आगे जारी रखा और वह आगे कोई मैच नहीं हारीं. इसके अलावा उन्होंने दूसरे मुकाबलों में बेहतर प्वाइंट हासिल किए. उन्होंने सात मैच जीतने के साथ-साथ दो मैच ड्रॉ खेले.

इससे पहले भी जीत चुकी हैं कई चैंपियनशिप....
वो कहते हैं न कि होनवार वीरवान के होत चिकने पात. तो आकांक्षा स्किल के मामले में हमेशा से ही अव्वल रही हैं. वह इससे पहले नेशनल अंडर 13 चैंपियन, नेशनल सब जूनियर चैंपियन, अंडर 16 कॉमनवेल्थ में लगातार दो साल चैंपियन, अंडर 16 में एशियन चैंपियन और अंडर 14 एशियन चैपियनशिप में भी कांस्य पदक जीत चुकी हैं.

बेशक उनकी इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लगन और मेहनत के आगे दुनिया झुकती है...

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