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वो राष्ट्रपति जो क्लास के बाहर सुनते थे लेक्चर, ये थी वजह

के आर नारायणन हमारी पीढ़ी की यादों में रचने-बसने वाले पहले राष्ट्रपति थे. वे एक गरीब व दलित परिवार से ताल्लुक रखते थे. पढ़ें उनके बारे में...

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अनुज कुमार शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

भारत के 10वें राष्ट्रपति के आर नारायणन का जन्म 27 अक्टूबर, 1920 को हुआ था. वो बातौर राष्ट्रध्यक्ष वोट देने वाले पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1998 में लोकसभा चुनाव में पहला वोट डाला. वे एक गरीब व दलित परिवार से ताल्लुक रखते थे, काफी संघर्ष करते हुए वह राष्ट्रपति के पद पर पहुंचे थे.  नारायणन को उनके महान व्‍यक्तित्‍व व महत्‍वपूर्ण कृत्‍यों की वजह से याद किया जाता है.

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जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें...

-  के. आर. नारायणन का पूरा नाम कोच्चेरील रामन नारायणन था.

- उनका जन्म केरल के एक छोटे से गांव पेरुमथानम उझावूर, त्रावणकोर में हुआ था.

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- वे स्कूल हर रोज 15 किमी पैदल चलकर जाते थे. अकसर फीस न चुका पाने की वजह से उन्हें क्लासरूम के बाहर ही लेक्चर सुनना पड़ता था.

- उन्होंने 1945 में इंग्लैंड के ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ में राजनीति विज्ञान का अध्ययन किया.

-  वे 3 बार केरल के ओट्टापलल से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे.

- उन्होंने द हिंदु और द टाइम्स ऑफ इंडिया में बातौर पत्रकार काम किया.

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- के. आर. नारायणन ने कुछ किताबें भी लिखीं, जिनमें ‘इण्डिया एण्ड अमेरिका एस्सेस इन अंडरस्टैडिंग’, ‘इमेजेस एण्ड इनसाइट्स’ और ‘नॉन अलाइमेंट इन कन्टैम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस’ काफी महत्‍वपूर्ण हैं.

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- नारायणन को टोलेडो विश्वविद्यालय, अमेरिका ने ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की तथा ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय ने ‘डॉक्टर ऑफ लॉस’ की उपाधि दी.

- उन्होंने बतौर मंत्री योजना, विदेश मामलों तथा विज्ञान व तकनीक विभागों में काम किया.

- डॉ शंकर दयाल शर्मा के राष्‍ट्रपति रहते उन्हें 21 अगस्त 1992 को उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया गया.

- उन्होंने 14 जुलाई, 1997 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विजय प्राप्त हुई थी.

- इस चुनाव में के. आर. नारायणन को कुल मतों का 95 प्रतिशत प्राप्त हुआ. मतगणना का काम 17 जुलाई, 1997 को सम्पन्न हुआ था.

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- 25 जुलाई, 1997 को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे. एस. वर्मा ने के. आर. नारायणन को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई.

- उनका कार्यकाल 25 जुलाई, 2002 को समाप्त हुआ था.

- के. आर. नारायणन का निधन 9 नवम्बर, 2005 को आर्मी रिसर्च एण्ड रैफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में हुआ. गुर्दों के काम न करने के कारण इनका निधन हुआ.

- के. आर. नारायणन कुशल राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे अर्थशास्त्री भी थे.

- नारायणन को उनके महान व्‍यक्तित्‍व व महत्‍वपूर्ण कृत्‍यों की वजह से याद किया जाता है.

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