
शहीद कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक के जीवन के संघर्ष की कहानी को मराठी पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा बनाया जा रहा है. जहां उनकी साहस और प्रेरणादायक कहानी को इस साल से 10वीं कक्षा की मराठी किताब में एसएससी बोर्ड (सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट) के द्वारा पढ़ाया जाएगा.
पति की मौत के बाद देश के प्रति अधूरी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए स्वाति ने सेना का दामन थाम लिया था. जिसके बाद राज्य शिक्षा विभाग ने उनके जीवन के संघर्ष की कहानी को मराठी पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा बनाने का फैसला किया.10वीं की किताब में 'सम्मान एक महिला फौजी का' के नाम से ये चैप्टर होगा. जिसमें स्वाति की कहानी पढ़ाई जाएगी. बता दें, स्वाति ने कुछ महीने पहले ही 'ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी', चेन्नई से ट्रेनिंग हासिल की है.
शहीद की मौत के बाद पत्नी ने थामा सेना का दामन
जब कहा- वर्दी थी पति का पहला प्यार
सेना जॉइन करते हुए स्वाति ने बताया कि मेरे पति का पहला प्यार उनकी वर्दी थी, इसलिए मुझे एक दिन तो इसे पहनना ही था. लेफ्टिनेंट स्वाति ने अपने पति की शहादत के बाद सेना में शामिल होने की इच्छा जताई थी. बता दें, स्वाति ने शिवाजी विद्यापीठ से बीएससी और एमएसडब्लू की पढ़ाई की. फिर पुणे के महानगरपालिका में झोपडपट्टी पुर्नवास में कुछ समय नौकरी करने बाद उनका विवाह महाराष्ट्र के सातारा जिले में रहने वाले कर्नल संतोष महादिक के साथ हुआ था.
बता दें, ऑफिसर कर्नल संतोष महादिक साल 2015 को देश की सेवा करते समय जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. जिसके बाद उनकी पत्नी स्वाति ने सेना से जुड़ने का निश्चय किया था.
CWG 2018: देश को पहला GOLD दिलाने वाली मीराबाई चानू कभी छोड़ना चाहती थी खेल, ये थी वजह
सेना में भर्ती के लिए आई परेशानी
स्वाति और संतोष के दो बच्चे हैं. एक लड़का और एक लड़की. उनके लिए दोनों बच्चों की परवरिश एक बड़ी जिम्मेदारी थी. वहीं उन्होंने न सिर्फ बच्चों को संभाला बल्कि अपने पति के अधूरे सपने को भी पूरा किया.
बता दें, सेना में भर्ती होने के लिए उनकी उम्र को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ था. वहीं स्टेट सेलेक्शन होने बाद फिजिकल और मेडिकल परीक्षा के बाद उन्हें ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. सालभर की कड़ी मेहनत के बाद 1 सितंबर 2017 को उनकी नियुक्ति सेना में हो गई थी.