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चीन के हमलावर तेवर को देखते हुए मुंबई के स्कूलों ने एक ऐसा ऐलान किया है, जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी. मुंबई के स्कूलों में अब चीन में बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करना निषेध होगा और यहां तक कि स्कूल ने सभी छात्रों और उनके परिजनों से अपील की है कि वो चीन में बनी वस्तु का इस्तेमाल न करें और न ही उन्हें खरीदें.
मुंबई के सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूली बच्चों और उनके परिजनों से मुंबई स्कूल एसोसिएशन ने चीन में बने सामान नहीं खरीदने की अपील की है.
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मुंबई स्कूल एसोसिएशन के तहत करीब 1900 स्कूल आते हैं और मुंबई स्कूल एसोसिएशन ने इन सभी स्कूलों के प्रिंसिपल से कहा है कि वो स्कूल के बच्चों और उनके माता-पिता से कहे कि चीन में बने सामन का इस्तेमाल नहीं किया जाए.
खासकर स्कूल के बच्चों के बैग में इस्तेमाल होने वाले सामानों को नहीं खरीदने की सलाह दी है. एसोसिएशन के सेक्रेटरी प्रशांत रेडिज ने बताया कि जिस तरह चीन बॉर्डर पर हमारे जवानों को मार रहे हैं ऐसे में हमें चीन में बने सामानों का बहिष्कार करना चाहिए.
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छात्रों को 1962 के भारत-चीन युद्ध का इतिहास पढ़ाया जा रहा है. शिक्षक उन्हें बता रहे हैं कि कैसे चीन ने पीठ में छुरा मारकर हमारी जमीन हथिया ली. फिर उनसे अपील की जा रही है कि वह अपने परिवार को भी इस बारे में जागरूक करें और चीनी सामान खरीदने से गुरेज करें.इस बाबत एक ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है. इसे और प्रभावी बनाने के लिए एसोसिएशन अपनी बैठक में विचार करेगी. सर्वसम्मति से यह पारित हो जाएगा तो कुछ और भी प्रावधान इस दिशा में किए जा सकते हैं.