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CBSE ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी के लिए शिक्षकों की भर्ती से संबंधित योग्यता परीक्षा, राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) साल में एक ही बार कराने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही
जुलाई में होने वाली परीक्षा को लेकर बनी अनिश्चितता को समाप्त करते हुए यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग ने फैसला किया है कि सीबीएसई ही यह परीक्षा कराएगी.
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हालांकि पहले सीबीएसई ने परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता जताई थी. सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव शुरुआती स्तर पर है. परीक्षा आयोजित करने के लिए जरूरी संसाधन और
इसमें शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.
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एक सूत्र ने कहा, CBSE ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह विचार प्रस्तावित किया है कि पंजीकृत उम्मीदवारों में से केवल 17 प्रतिशत ही परीक्षा के लिए आते हैं और उनमें से केवल चार प्रतिशत ही परीक्षा पास कर पाते हैं.
इस समय जूनियर रिसर्च फेलोशिप और विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर बनने की पात्रता के लिए हर साल दो बार जुलाई और दिसंबर में यह परीक्षा आयोजित
की जाती है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए नेट परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है.
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पिछले साल परीक्षा कराने में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष असमर्थता जताते हुए कहा था कि उस पर अन्य परीक्षाओं के आयोजन का काम भी है. मंत्रालय ने इस संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया, वहीं सीबीएसई ने अभी तक जुलाई से होने वाली परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी नहीं की है, जो सामान्य तौर पर हर साल अप्रैल के पहले सप्ताह में जारी की जाती है.
पिछले सप्ताह कई छात्रों ने UGC दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था और मांग की थी कि परीक्षा को लेकर अनिश्चितता समाप्त की जाए और अधिसूचना जारी की जाए.