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SSC परीक्षा: 4 आरोपियों के पास मिली ये चीजें, लाखों रुपये में ऐसे कराते हैं नकल

ये गैंग छात्रों को परीक्षा में पास करान के लिए अलग तरह से नकल करवाते हैं. नकल के बदले लाखों रुपये की मांग की जाती है.

ssc के गिरफ्तार आरोपी ssc के गिरफ्तार आरोपी
प्रियंका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST

एसएससी पेपर लीक को लेकर लीक मामले को लेकर जहां देश के अलग-अलग इलाकों में छात्र सड़कों पर उतर चुके हैं वहीं इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दिल्ली पुलिस की मदद से एसएससी की परीक्षा को पैसे लेकर पास कराने वाले गैंग को रंगे हाथ पकड़ लिया गया है.

बता दें, यह गैंग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और रिमोट एक्सेस टूल के जरिए एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में पेपर सॉल्व करवाता था. गैंग एसएससी ऑनलाइन परीक्षा में छात्रों को पास कराने के लिए 100-150 सॉल्वरों का इस्तेमाल कर रहा था.

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SSC परीक्षा में नकल कराने वाले गैंग का पर्दाफाश, 50 लाख रुपये के साथ 4 गिरफ्तार

एसटीएफ ने दिल्ली पुलिस की मदद से मंगलवार को दिल्ली के तिमारपुर थाना क्षेत्र के गांधीबिहार में मकान नंबर-बी-251,252 छापा मारा और वहां से चार युवकों को अपनी गिरफ्त में ले लिया. इसमें गाजियाबाद के रहने वाले सोनू कुमार, बहादुरगढ़ हरियाणा के रहने वाले अजय कुमार, परमजीत सिंह और दिल्ली के रहने वाले गौरव नैय्यर शामिल हैं,

मिली ये चीजें

आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 05 ब्लूटूथ डिवाइस, 04 पेन ड्राइव, 03 कार बरामद हुई है.

ऐसे पकड़े गए आरोपी..

एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बुधवार को बताया कि यूपी एसटीएफ को एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की सूचना मिली थी. टीम को पता चला था कि सॉल्वर गैंग छात्रों से 15 लाख रुपये लेकर सॉल्वरों के जरिए परीक्षा दिलाने वाला है.

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पेपर में पास कराने की कीमत 10 से 15 लाख रुपये...

पुलिस से बातचीत के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे लोग एक छात्र से 10 से 15 लाख रुपये पास कराने के लिए लेते थे और परीक्षा के लिए करीब 150 सॉल्वरों की मदद ली जाती थी.

ऐसे कराई जाती है नकल

एसएसपी ने बताया कि ये लोग टीम न्यूवर और एम्मवाईवाई जैसे सॉल्वर रिमोट एक्सेस टूल्स के जरिए छात्रों के कम्प्यूटर को एक्सेस कर लेते थे और दूर बैठकर अपने लैपटॉप से ही पेपर सॉल्व कर देते थे. जहां यह टूल्स काम नही करते वहां कम्प्यूटर लैब में ही छात्रों के कम्प्यूटर की लैन सर्वर से अपने लैपटॉप से जोड़कर पेपर सॉल्व करते थे. इन लोगों की दिल्ली में 10-12 कम्प्यूटर लैब है.

एक दिन में कुल 180 छात्रों के पेपर होते हैं सॉल्व

एसएससी परीक्षा का टेंडर पाने वाली कम्पनी सीफी (एसआईएफआई) के कर्मचारी दीपक भी गिरोह में मिला हुआ है. ये लोग एक दिन में एक लैब से 15 लोगों को पेपर सॉल्व कराते हैं. इस प्रकार से एक दिन में कुल 180 छात्रों के पेपर अवैध तरीके से सॉल्व करा रहे हैं. एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने अन्नू और दीपक के अलावा कई सदस्यों के नाम बताए हैं. इस मामले की एफआईआर उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर थाने में दर्ज की गई है. अब दिल्ली पुलिस इस रैकेट का पूरी तरह से खुलासा करने में जुटी है.

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पहले भी पकड़े गए थे 7 आरोपी

बता दें, पिछले साल इससे पहले दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एसएससी पेपर लीक मामले में 7 लोगों को गिरफ़्तार किया था. ये सभी लोग देशभर में एसएससी पेपर लीक रैकेट से जुड़े थे. ये सभी आरोपी अलग-अलग एसएससी एक्जाम सेंटर से पेपर लीक करवाते थे. पेपर लीक मामले में इनकी मदद उन स्कूल के प्रिंसिपल और मैनेजमेंट करते थे, जहा एक्जाम सेंटर थे.

यह रैकेट चलाने वाले एसएससी एक्जाम में बैठने वाले कोचिंग सेंटर पर छात्रों को ट्रैप कर उनको पेपर दिलाने के नाम पर 4 लाख से 8 लाख तक लेते थे. गिरफ़्तार लोग मिनटों में ही व्हाट्सऐप पर पेपर अपने क्लाइंट को सेंड कर देते. साथ में पेपर की आंसर सीट भी मुहैया करा देते थे. पकड़े गए सभी लोग मथुरा, शामली, आगरा के रहने वाले थे.

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