
लाखों लोगों की जान लेने वाला वायु प्रदूषण अब अंतिम सांसे गिन रहा है. जी हां, दरअसल वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो प्रदूषण का न केवल सफाया करेगी, बल्कि उससे बिजली भी बनाएगी.
नवीनतम तकनीक पर आधारित इस डिवाइस
को बेल्जियम की यूनिवर्सिटी ऑफ एंटवर्प और केयू
लिउवेन (लिविएन विश्वविद्यालय) के शोधकर्ताओं
ने तैयार किया है.
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साइंस डेली में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं का दावा है कि इसके जरिये हवा को साफ करना संभव होगा. साथ ही यह डिवाइस प्रदूषित हवा की मदद से बिजली तैयार करने का काम भी करेगी. शोधकर्ताओं के अनुसार डिवाइस ठीक से काम करे, इसके लिए इसे रौशनी में रखना होगा.
वायु प्रदूषण से दुनिया भर में 55 लाख लोगों
की मौत होती है. 2080 तक प्राकृतिक ऊर्जा के
स्रोतों के समाप्त होने की आशंका जताई जा रही है.
भारत में हर वर्ष 12 लाख लोग असमय काल के
गाल में समा रहे हैं.
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स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017 की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रदूषण की वजह से मौतों के मामले में भारत लगभग चीन के करीब पहुंच चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत समेत दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों, यूरोपीय संघ और बांग्लादेश में पीएम 2.5 का स्तर सर्वाधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में ओजोन की
वजह से मौतों में करीब 60 फीसद का इजाफा हुआ
है. लेकिन भारत में यह आंकड़ा 67 फीसदी तक
पहुंच गया है.
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ऐेसे में बेल्जियम के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस डिवाइस ने एक उम्मीद की किरण दिखा दी है.
सोलर पैनल की तरह यह तकनीक भी सूर्य की किरणों की मदद से काम करेगी. सोलर पैनल किरणों से सीधे बिजली बनाता है. वहीं यह डिवाइस पहले हवा साफ करेगी और हवा से निकली गंदगी से हाइड्रोजन गैस पैदा करेगी.