
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उन कम नेताओं में से हैं, जिन्होंने जमीनी स्तर से राजनीति की शुरुआत की और आज किसी ताकतवर देश के शिखर पर पहुंच गए. उन्होंने मुश्किल भरी जिंदगी से लड़ते हुए अपना सफर जारी रखा. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दोबारा राष्ट्रपति चुना जाना तय है. आइए जानते हैं चीन के राष्ट्रपति बनने जा रहे जिनपिंग से जुड़ी कुछ अहम बातें और कैसा रहा राष्ट्रपति बनने तक का सफर..
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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जिनपिंग ने एक गुफा में भी अपना जीवन यापन किया है, जहां कीड़े-मकोड़ों का डेरा होता था और खाने के लिए उन्हें दलिया, सब्जी आदि मिलती थी.
उनके पिता भी कम्युनिस्ट क्रांति के हीरो थे. ऐसे में शी ने एक राजकुमार वाली जिंदगी का भी एहसास था. साठ के दशक में माओ ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर जुल्म किया था, जिससे जिनपिंग पर भी काफी असर पड़ा था. इस दौरान उनके पिता को भी जेल में डाल दिया गया था.
साम्यवादी पार्टी के अपने आरंभिक दौर में उन्होंने फूज्यान प्रान्त में काम किया. उसके बाद उन्हें पड़ोस के झेजियांग प्रान्त का पार्टी नेता नियुक्त किया गया. इसके उपरांत शंघाई में चेन लियांगयू के भ्रष्टाचार के आरोपों पर सेवा से निकाले जाने पर उन्हें उस महत्वपूर्व क्षेत्र का पार्टी प्रमुख बनाया गया.
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शी ने 1971 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और वो कम्यूनिस्ट यूथ लीग ऑफ चाइना से जुड़े. उसके बाद 1974 में वो कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना से जुड़े. उन्होंने 1982 से 2007 तक अलग अलग प्रांत में काम किया.
पहले उन्हें सीसीसी का अतिरिक्त सदस्य बनाया गया और बाद में उन्हें 15वीं पार्टी कांग्रेस में सदस्य बनाया गया. पिता की राजनीति में वापसी से उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा और बाद में सत्तर के दशक में वो सेना में शामिल हो गए.
शी भ्रष्टाचार पर अपने कड़े रुख़ और राजनैतिक और आर्थिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए दो टूक बाते करने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें चीनी साम्यवादी पार्टी के नेतृत्व की पांचवी पीढ़ी का प्रधान कहा जाता है.
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धीरे-धीरे ऊंचाइयों पर बढ़ रहे जिनपिंग के करियर में 15 नवम्बर 2012 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया, क्योंकि उन्हें इस दिन चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का महासचिव घोषित किया गया. बता दें कि पार्टी का महासचिव ही देश के राष्ट्रपति होता है.
बताया जा रहा है कि एक बार फिर जिनपिंग को ही राष्ट्रपति बनाया जा सकता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तख्तापलट की एक कोशिश को नाकाम कर दिया. यह कोशिश उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और दिग्गज नेताओं की तरफ से हुई थी.