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चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी- बिहार चुनाव टाल दें

एलजेपी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी. पार्टी ने कहा कि कोरोना वायरस और बाढ़ के कारण बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को टाला जाए.

एलजेपी ने बिहार चुनाव टालने की मांग की (फोटो- PTI) एलजेपी ने बिहार चुनाव टालने की मांग की (फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:30 PM IST

  • लोक जनशक्ति पार्टी ने विधानसभा चुनाव टालने की मांग की
  • पार्टी ने कोरोना वायरस और बाढ़ को बताया कारण

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने बिहार विधानसभा चुनाव को टालने की मांग की है. एलजेपी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी. पार्टी ने कहा कि कोरोना वायरस और बाढ़ के कारण बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को टाला जाए.

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एलजेपी ने कहा कि कोरोना महामारी अक्टूबर-नवंबर में और गंभीर हो सकती है, ऐसे में इस दौरान चुनाव कराने से लोगों की जिंदगी को खतरा होगा. एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि कोरोना के साथ-साथ बिहार का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से भी प्रभावित है. बिहार के 38 में से 13 जिले बाढ़ से ग्रस्त हैं. ऐसे में WHO और ICMR की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव कराना कठिन होगा.

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पार्टी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव का होना जरूरी है, लेकिन इसके लिए एक बड़ी आबादी को खतरे में डालना सरासर अनुचित है. बता दें कि बीते दिनों चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए सुझाव जारी किए थे. आयोग के मुताबिक, चुनाव प्रचार करते समय या बड़ी जन सभा में शामिल होने पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा. हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी.

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चुनाव आयोग में अपने सुझाव में आगे कहा कि धार्मिक स्थान सहित बड़े सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा रहेगा. भीड़ इकट्ठा होने वाली जगहों पर थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन होगा अनिवार्य. प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या कम की जाएगी. सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए बूथ के बाहर मार्किंग की जाएगी.

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चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से 31 जुलाई तक अपने सुझाव और टिप्पणियां देने को कहा था, जो बिहार चुनावों में प्रचार और मतदान के लिए प्रमुख आदेश/दिशा-निर्देश हो सकते हैं.

अब जब एलजेपी ने चुनाव को टालने की मांग की है तो देखना होगा कि चुनाव आयोग क्या एलजेपी की मांग को मानती है या फिर इन्हीं सुझावों के साथ चुनाव का प्रचार और चुनाव कराने पर आगे बढ़ती है.

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