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AAP Manifesto: बिना केंद्र के सहयोग नहीं पूरे होंगे केजरीवाल के ये बड़े वादे

आम आदमी पार्टी के 28 प्वाइंट मेनिफेस्टो में कई ऐसी घोषणाएं हैं, जिनको पूरा करने के लिए केंद्र की मदद की जरूरत होगी. इसमें दिल्ली जन लोकपाल बिल, दिल्ली स्वराज बिल, सीलिंग से सुरक्षा और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा शामिल है.

मेनिफेस्टो जारी करते CM अरविंद केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया मेनिफेस्टो जारी करते CM अरविंद केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

  • दिल्लीवालों से AAP ने किए 28 वादे
  • 9 वादों को पूरा करने के लिए चाहिए केंद्र की मदद

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बाद आज आम आदमी पार्टी (आप) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दी. इस मेनिफेस्टो को जारी करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वादों को पूरा करने के लिए हमें 2 करोड़ जनता और केंद्र सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी. मेनिफेस्टो में सभी तबके की बात की गई है.

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पढ़ें: केजरीवाल की BJP को खुली चुनौती- घोषित करो CM चेहरा, मैं बहस के लिए तैयार हूं

आम आदमी पार्टी के 28 प्वाइंट मेनिफेस्टो में कई ऐसी घोषणाएं हैं, जिनको पूरा करने के लिए केंद्र की मदद की जरूरत होगी. इसमें दिल्ली जन लोकपाल बिल, दिल्ली स्वराज बिल, सीलिंग से सुरक्षा, पुनर्वास कॉलोनियों के लिए मालिकाना अधिकार, अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण और रजिस्ट्री, ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए मानदंड सरल करना, भोजपुरी के लिए मान्यता, किसानों के हक में भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा है.

आम आदमी पार्टी (आप) को अपने 28 में 9 वादों को पूरा करने के सीधे केंद्र सरकार की मदद चाहिए होगी, जो पिछले करीब 5 सालों के कार्यकाल को देखें तो आसान नहीं नजर आता है. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केजरीवाल सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान मुहिम चलाई, लेकिन केंद्र ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया.

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ठीक इसी तरह अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण और रजिस्ट्री का मसला भी केंद्र और केजरीवाल सरकार के टकराव का सबक बना है. हालांकि, केंद्र सरकार ने दावा किया था कि उसने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने केंद्र पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. केजरीवाल का कहना है कि बिना लैंड यूज चेंज किए रजिस्ट्री गैर-कानूनी है.

भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मामला भी केंद्र सरकार के पाले में है. इसकी मांग कई सालों से बिहार और पूर्वांचल से आने वाले कई राजनीतिक दल गाहे-बगाहे करते रहे हैं. इसके लिए कई संघर्ष समिति भी है, बावजूद इसके अभी तक भोजपुरी आठवीं अनुसूचि में शामिल नहीं हो पाई.

ये है आम आदमी पार्टी के 28 वादे-

1) दिल्ली जन लोकपाल बिल

2) दिल्ली स्वराज बिल

3) राशन की डोर स्टेप डिलीवरी

4) 10 लाख बुजुर्गों को तीर्थयात्रा

5) देशभक्ति पाठ्यक्रम

6) युवाओं के लिए स्पोकन इंग्लिश को बढ़ावा

7) मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने की बात

8) यमुना रिवर साइड विकास

9) वर्ल्ड क्लास सड़कें

10) नए सफाइकर्मचारियों की नियुक्ति

11) सफाई कर्मचारी की मृत्यु पर 1 करोड़ का मुआवजा

12) रेड राज खत्म करने की बात

13) सीलिंग से सुरक्षा

14) बाजार और उद्योगिक क्षेत्रों का विकास

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15) सर्किल रेट का युक्तिकरण

16) पुराने वैट मामला की एमनेस्टी सकीम

17) दिल्ली में 24×7 बाजार

18)अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएंगे

19) पुनर्वास कॉलोनियों के लिए मालिकाना हक

20) अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमतिकरण और रजस्ट्री

21) ओबीसी प्रमाणपत्र के लिए मानदंड सरल

22) भोजपुरी के लिए मान्यता

23) 84 सिख विरोधी नरसंहार पीड़ितों के लिए न्याय

24) संविदा कर्मचारियों को नियमित करना

25) किसानों के हक में भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन

26) फसल नुकसान पर किसानों को 50 हजार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा जारी

27) रेहड़ी पटरी संचालकों को कानूनी संरक्षण

28) दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा

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