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दिल्ली में विधानसभा चुनाव ने जोर पकड़ लिया है और ऐसे में हर चुनाव की तरह इस बार भी नेताओं के दल-बदल का खेल यहां भी फिर शुरू हो गया है. इस खेल में सबसे नया नाम जुड़ा है शोएब इकबाल का. शोएब इकबाल ने चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. शोएब के राजनीतिक करियर की यह छठी पार्टी है.
दिल्ली विधानसभा में जीत के लिहाज से देखा जाए तो शोएब इकबाल एक बड़ा नाम है क्योंकि उनके नाम एक सीट से लगातार 5 जीत दर्ज कराने का रिकॉर्ड है. इसके अलावा उन्होंने जो जीत हासिल की है वो बीजेपी और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय दलों के इतर दिल्ली के अन्य छोटे दलों के टिकट पर मिली है.
पहली जीत जनता दल के टिकट पर
1993 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद शोएब मलिक ने मटिया महल विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की और वह जनता दल के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और शानदार जीत हासिल की. उन्होंने उस समय यह जीत दर्ज की जब बीजेपी पहली और आखिरी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी.
1993 के बाद शोएब इकबाल ने 1998 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर फिर मैदान में उतरे और लगातार दूसरी बार चुनाव जीत गए. बस यही दो विधानसभा चुनाव थे जिसमें वह एक ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े.
2003 से शुरू दलबदल
शोएब इकबाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में जब भी उतरे नई पार्टी के साथ उतरे. 1993 और 1998 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद शोएब 2003 विधानसभा चुनाव में जनता दल सेकुलर (JDS) के टिकट पर मैदान में उतरे और बीजेपी-कांग्रेस जैसी मजबूत चुनौती को ध्वस्त करते हुए अपनी जीत की हैट्रिक लगा दी.
5 साल बाद 2008 में जब फिर विधानसभा चुनाव हुए तो शोएब इकबाल मटिया महल से ही चौथी बार चुनाव लड़ने उतरे तो वह एक और नई पार्टी के साथ. इस बार शोएब लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे. 2003 और 2008 के विधानसभा में शोएब दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रहे.
2013 में AAP का उदय
2013 में दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी का उदय हुआ. आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में भी शोएब इकबाल का जलवा बुलंद रहा, लेकिन इस बार वह एक और नई पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर मैदान में उतरे और जीत का पंजा लगा दिया. उन्होंने अपनी पांचवीं जीत के लिए कांग्रेस के जावेद अली मिर्जा को हरा दिया.
हालांकि 2013 के चुनाव के बाद दिल्ली में जमकर राजनीतिक उथल-पुथल हुई और दो साल बाद यहां पर फिर से विधानसभा चुनाव कराए गए. 2015 के चुनाव में शोएब जनता दल से निकली पार्टियों का दामन छोड़कर पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने उतरे और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा.
5 दल, 6 चुनाव और 5 जीत
2015 के चुनाव में शोएब इकबाल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे और छठी जीत की आस लगाए हुए थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के असीम अहमद खान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए जीत का छक्का लगाने से रोक दिया.
इस तरह से शोएब इकबाल के राजनीतिक करियर पर नजर डाली जाए तो उन्होंने 1993 से लेकर 2015 तक हुए विधानसभा चुनाव में वह 5 दलों के टिकट पर 6 चुनाव लड़े और लगातार 5 जीत हासिल की.
दिल्ली विधानसभा चुनाव का यह सातवां चुनाव होगा और चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का दामन थामने वाले शोएब इकबाल के बारे में माना जा रहा है कि इस बार वह अरविंद केजरीवाल की पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरेंगे. अगर ऐसा होता है तो वह सभी चुनावों में शिरकत करने वाले विरले नेताओं में शामिल होंगे. वह 4 दलों के टिकट पर अब तक 5 जीत हासिल कर चुके हैं.
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.