
गोवा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार न बना पाने को लेकर निशाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में सफाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने पर्रिकर पर निशाना साधा और राज्य के कसीनो और खदान मालिकों को पर्रिकर की कोर टीम बताया.
दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार तड़के ट्वीट किया, 'पर्रिकर के शपथ ग्रहण की गेस्ट लिस्ट की तस्वीर जो विश्वजीत राणे ने मुझे 14 मार्च को दिखाया था. उसमें सभी कसीनो और खदान मालिक थे. यही पर्रिकर की कोर टीम है.'
इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को बहुमत साबित करने के बाद दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा था और कांग्रेस के गोवा प्रभारी का यह ट्वीट इसी पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है.
वहीं गोवा में कांग्रेस को फिर से खड़ा करने में अपने योगदान का जिक्र करते हुए दिग्विजय ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि जब 2013 में उन्हें और चेल्ला कुमार को गोवा की जिम्मेदारी सौंपी गई, तब कांग्रेस के 9 में से महज 6 विधायक ही सक्रीय थे और पूरी प्रदेश इकाई ही अस्त व्यस्त थी. उन्होंने कहा, 'जनवरी 2017 तक भी कांग्रेस नेताओं को यहां महज 2-4 सीटें जीतने की उम्मीद थी.'
सिंह कहते हैं, 'यहां AAP शून्य पर समिट गई और बीजेपी 22 से घटकर 13 पर आ गई, फिर भी दिग्विजय सिंह ही विलन है!' वह कहते हैं, 'गोवा में हमने बाबुश मोनसराटे और विजय सरदेसाई की गोवा फॉरवर्ड पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर एक सेक्युलर गठबंधन की रणनीति बनाई थी. बाबुश के साथ हमने गठबंधन किया और 5 में 3 सीटें जीतीं, लेकिन जीपीएफ से गठबंधन में हमारे ही नेताओं से अड़ंगा डाल दिया.'
दिग्विजय कहते हैं, 'जीपीएफ ने 4 में से 3 सीटें जीतीं. अगर हमारा गठबंधन उनसे हो जाता तो हम आराम से 22 सीटें हासिल कर लेतें.' इसके बाद वह तल्ख अंदाज में पूछते हैं, 'इसके बावजूद भी क्या दिग्विजय दोषी है? मैं यह निर्णय जजों पर छोड़ता हूं.'