
गुजरात की सियासी जंग में बीजेपी के जीत का आधार नरेंद्र मोदी के नाम रहा. राज्य के दक्षिणी गुजरात में बीजेपी ने अपनी बादशाहत को कायम रखा है, लेकिन कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तुलना में बढ़त हासिल की है. जबकि ये क्षेत्र बीजेपी के लिए सबसे कठिन माना जा रहा था. इसके बावजूद बीजेपी अपना किला बचाने में कामयाब रही है.
बता दें कि मध्य गुजरात में राज्य की 182 सीटों में से 35 सीटें आती है. इस बार बीजेपी के खाते में 24 सीटें आई हैं, तो वहीं कांग्रेस 11 सीटों पर जीत का स्वाद चखा है. जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 28 सीटें और कांग्रेस को 6 सीटें और 1 अन्य को मिली थी. इस तरह बीजेपी के चार सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है.
दक्षिणी गुजरात में गिर सोमनाथ, अमरोली, बोटाड, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी जिले आते हैं. गिरी सोमनाथ की चारों सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं. भरूच में 2 बीजेपी और 3 कांग्रेस के खाते में गई हैं. जबकि सूरत की 15 सीटें बीजेपी के नाम रही सिर्फ एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है.
पाटीदार आरक्षण आंदोलन और जीएसटी, नोटबंदी के चलते माना जा रहा था कि दक्षिणी गुजरात में बीजेपी को तगड़ा झटका लगेगा, लेकिन चुनाव के नतीजों में इन मुद्दों का बहुत असर नजर नहीं आया है. जबकि कांग्रेस इस क्षेत्र से बड़ी उम्मीदें पाल रखी थी. हार्दिक पटेल ने बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए इस क्षेत्र में काफी मेहनत किया था. इसके बावजूद बीजेपी को महज चार सीटों का झटका लगा है.